शादी का झांसा देकर यौन शोषण, धर्म परिवर्तन से मना करने पर महिला डॉक्टर को प्रेमी ने छोड़ा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से धर्मांतरण का मामला सामने आया है. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के रेजिडेंट डॉक्टर ने उनकी बेटी का शादी के नाम पर झांसा देकर यौन उत्पीड़न किया. फिर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. जिससे परेशान उनकी बेटी ने सुसाइड का भी प्रयास किया.

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शादी का झांसा देकर महिला डॉक्टर का यौन उत्पीड़न. (Photo: Representational ) शादी का झांसा देकर महिला डॉक्टर का यौन उत्पीड़न. (Photo: Representational )

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 21 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में धर्मांतरण और मानसिक शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि एक मुस्लिम रेजिडेंट डॉक्टर ने उनकी हिंदू बेटी को प्रेमजाल में फंसाया. फिर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और बाद में उस पर इस्लाम कुबूल करने का दबाव बनाया. वहीं बेटी के इनकार करने पर आरोपी ने उसे छोड़ दिया और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा.

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परिजनों का कहना है कि आरोपी डॉक्टर ने यह भी छिपाए रखा कि वह पहले ही फरवरी में एक दूसरी हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कराकर उससे शादी कर चुका है. जब पीड़िता को इस बात की जानकारी हुई तो आरोपी ने उस लड़की को छोड़कर पीड़िता से शादी करने की बात कही, लेकिन शर्त रखी कि उसे धर्म परिवर्तन करना होगा.

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शुरू हुई पूरे मामले की जांच

इस पूरे मामले को लेकर दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों के परिवारजनों को भी बुलाया गया है. घटना से मानसिक रूप से टूट चुकी पीड़िता ने 17 दिसंबर को KGMU हॉस्टल में जहरीली दवाइयों की कई गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. हालत बिगड़ने पर उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट (CCM) ICU में शिफ्ट किया गया.

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हालत में सुधार होने पर 19 दिसंबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.
KGMU के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि मामले का संज्ञान लिया गया है और जांच जारी है. दोनों ही रेजिडेंट डॉक्टर पैथोलॉजी विभाग के फर्स्ट ईयर के छात्र हैं. पीड़िता और उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल और राज्य महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है. प्रशासनिक स्तर पर मामले की जांच की जा रही है, जबकि परिजन न्याय की मांग पर अड़े हैं. 

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