यूपी के संत कबीर नगर के खलीलाबाद में मौलाना शमसुल हुदा खान पर धोखाधड़ी और विदेशी फंडिंग का गंभीर केस दर्ज हुआ है. लंदन की नागरिकता लेने के बावजूद मौलाना ने 4 साल तक मदरसे से टीचर की तनख्वाह ली और सरकारी धन का गबन किया. बीते 3 साल से भारत न लौटने के बावजूद वह लंदन से बैठकर संत कबीर नगर में बेनामी प्रॉपर्टी खरीद रहा है.
नागरिकता लंदन की, सैलरी भारत की
बता दें कि आजमगढ़ के मुबारकपुर थाने में दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा अशरफिया के मैनेजर ने मौलाना शमसुल हुदा खान पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई. मौलाना 12 जुलाई 1984 से मदरसा में टीचर थे. उन्होंने 2017 में वीआरएस ले लिया था, जबकि 2013 में ही लंदन की नागरिकता ले चुके थे.
इसके बावजूद, 2013 से 2017 तक उन्होंने मदरसे से टीचर की तनख्वाह ली और ₹16,59,555 रुपए का सरकारी धन हड़प लिया. इस मामले में एडीएम ने रिकवरी नोटिस जारी किया है, लेकिन वसूली नहीं हो पाई.
लंदन से चला प्रॉपर्टी का कारोबार
लंदन में बैठे मौलाना शमसुल हुदा खान का सीधा कनेक्शन दावत-ए-इस्लामी से भी है. नागरिकता लेने के बाद, मौलाना ने संत कबीर नगर में अपने, बेटे, पत्नी और बहू के नाम पर 14 से अधिक बेशकीमती प्रॉपर्टी खरीदी हैं. पिछले ढाई साल से वह भारत नहीं लौटा, लेकिन उसका बेटा और परिवार लंदन से भेजी रकम से लगातार प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं. इन संपत्तियों की फंडिंग लंदन से हुई है.
एफआईआर, फर्जी पैन कार्ड और पाक कनेक्शन
फिलहाल, सब विदेश में बैठकर प्रॉपर्टी खरीदने के मामले में भी मौलाना और उसके परिवार पर खलीलाबाद में एफआईआर दर्ज हो गई है. एफआईआर में लिखा है कि मौलाना ने 2013 में नागरिकता लेने के बाद एक दूसरा पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर 2014 से 2022 के बीच 14 से अधिक प्रॉपर्टी खरीदी.
इसके साथ ही मौलाना ने अपनी बेटी की शादी पाकिस्तानी लड़के से की है और उसके जरिए पाकिस्तान आना-जाना भी रखता है. पुलिस ने बेटे तौसीफ रजा खान को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन उसे जल्द ही जमानत मिल गई. केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और कोर्ट में ट्रायल चल रहा है.
संतोष शर्मा