उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. पुलिस ने नोएडा से साइबर ठगी में शामिल एक एलएलबी स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में पता चला कि यह छात्र चीन के साइबर ठगों के इशारे पर काम करता था और भारत में भोले-भाले लोगों से ठगी कर उनकी रकम विदेशी नेटवर्क तक पहुंचाता था. इसके बदले उसे हर ट्रांजैक्शन पर 5% कमिशन मिलता था.
गिरफ्तारी के समय भारी मात्रा में सामान बरामद
पुलिस ने आरोपी छात्र विशाल गोदारा से 2 लाख रुपये नगद, 20 एटीएम कार्ड, 7 पासबुक, 6 चेक बुक, तीन मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया है. जांच में यह भी सामने आया कि उसका एक भाई यूके में रहकर इसी तरह के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है.
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शिकायत के बाद 48 घंटे में कार्रवाई
भोपा थाना क्षेत्र के बाकरनगर गांव के तौसीब ने 16 नवंबर को साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. इसी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भोपा थाने और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने 48 घंटे के भीतर नोएडा में पढ़ रहे एलएलबी दूसरे वर्ष के छात्र विशाल गोदारा को गिरफ्तार किया. उसके पास से पूरी ठगी की रकम बरामद कर ली गई.
डमी बैंक अकाउंट, वॉलेट और हैकिंग का खेल
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह कई डमी बैंक अकाउंट 8 से 10 हजार रुपये में खरीदकर उन्हें डिजिटल वॉलेट से लिंक करता था. इन्हीं अकाउंट में ठगी का पैसा आता था जिसे वह एटीएम और चेक के जरिए निकालता था. इसके बाद रकम को क्रिप्टोकरेंसी खासकर USDT में बदलकर चीनी वॉलेट्स को भेजता था. वह रोजाना लगभग दो लाख रुपये ट्रांसफर करता था और लगभग 10 हजार रुपये रोज कमा रहा था.
‘हैकिंग लिंक’ से फोन कंट्रोल में हुआ
एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल ने बताया कि आरोपी लोगों को टास्क-आधारित लिंक भेजता था. लिंक क्लिक करते ही फोन मिरर एप से हैक हो जाता था और पीड़ित के बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते थे. तौसीब के साथ भी इसी तरीके से 2 लाख रुपये की ठगी की गई और बाद में ब्लैकमेल भी किया गया.
पुलिस नेटवर्क खंगालने में जुटी
आरोपी को जेल भेज दिया गया है. पुलिस अब उसके साथ जुड़े अन्य अकाउंट प्रोवाइडर्स, डिजिटल वॉलेट ऑपरेटर्स और विदेशी कनेक्शनों की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि यह केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला भी है.
संदीप सैनी