UP: स्केटिंग करते हुए हरिद्वार से गाजियाबाद तक कांवड़ ला रहे नन्हें शिवभक्त, वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की जिद

हरिद्वार से गाजियाबाद तक स्केटिंग कर कांवड़ ला रहे 9 साल की नंदिनी और 11 साल के युग की श्रद्धा ने सबका दिल जीत लिया है. दोनों बच्चे रोजाना 40 किलोमीटर स्केटिंग कर गंगाजल ला रहे हैं. इनके पिता मोहित गुर्जर ने बताया कि बच्चे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं और भोलेनाथ की कृपा से यह यात्रा पूरी कर रहे हैं.

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गंगाजल ला रहे 9 और 11 साल के भाई-बहन (Photo: Sandeep Saini/ITG) गंगाजल ला रहे 9 और 11 साल के भाई-बहन (Photo: Sandeep Saini/ITG)

संदीप सैनी

  • मुजफ्फरनगर,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में सावन के कांवड़ मेले के दौरान दो मासूम भाई-बहन (9 साल की नंदिनी और 11 साल के युग) ने जो मिसाल पेश की है, वह प्रेरणा से भरपूर है. ये दोनों स्केटिंग करते हुए हरिद्वार से गंगाजल लेकर गाजियाबाद तक की कांवड़ यात्रा पर निकले हैं. उनका लक्ष्य सिर्फ भोलेनाथ की भक्ति नहीं, बल्कि स्केटिंग करते हुए धार्मिक यात्रा का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना है.

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दरअसल, यह यात्रा 17 जुलाई की सुबह हर की पौड़ी (Har ki Pauri) से शुरू हुई, जहां से दोनों ने स्केटिंग करते हुए प्रतिदिन करीब 40 किलोमीटर का सफर तय करना शुरू किया. दोनों बच्चों के साथ उनके पिता मोहित गुर्जर एक वाहन से लगातार चल रहे हैं ताकि सुरक्षा और सहयोग मिल सके. मोहित गुर्जर खुद एक जाने-माने गौ रक्षक हैं, जिनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. 

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क्योंकि वे अब तक बिना किसी संस्था की मदद के 5 हजार से अधिक गौमाताओं का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. मोहित बताते हैं कि बच्चों को स्केटिंग की कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं मिली, उन्होंने घर पर ही इसे सीखा. कांवड़ यात्रा से कुछ दिन पहले ही एक कोच से थोड़ी तकनीकी ट्रेनिंग ली थी, जिसमें हाईवे पर लंबी दूरी तय करने के टिप्स मिले. 

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हालांकि, परिवार और उन्होंने खुद शुरुआत में विरोध किया क्योंकि बच्चे बहुत छोटे हैं और हाईवे पर खतरे भी मौजूद रहते हैं, लेकिन बच्चों की जिद और भोलेनाथ की भक्ति के आगे सब झुक गए.

कई लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं कि बच्चों को पब्लिसिटी के लिए भेजा गया है, लेकिन मोहित कहते हैं, भगवान की इच्छा से सब हो रहा है, बच्चों का उत्साह देखकर कोई भी उनका हौसला बढ़ाएगा. अब मुजफ्फरनगर पहुंचने के बाद गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर में जल चढ़ाकर उन्हें विश्राम दिया जाएगा. इसके बाद उनका अगला लक्ष्य बनारस तक स्केटिंग यात्रा करना है.

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