'उसे रिहा कर दिया तो हमें जेल में डाल दो...' कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड होने पर बोली उन्नाव रेप पीड़िता की बहन

उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने पर पीड़िता का परिवार भयभीत है. पीड़िता की बहन ने जान का खतरा बताते हुए नाराजगी जताई. उनका कहना है कि अगर उन्हें बाहर ही रखना है, तो हमें जेल में डाल दीजिए. कम से कम हमारी जान तो सुरक्षित रहेगी. आदेश के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन हुआ.

Advertisement
कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने पर मीडिया से बात करती रेप पीड़िता की बहन  (File Photo X@AHindinews) कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने पर मीडिया से बात करती रेप पीड़िता की बहन  (File Photo X@AHindinews)

aajtak.in

  • उन्नाव ,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:05 AM IST

उन्नाव रेप केस मामले में सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद पीड़िता की बहन का दर्द छलक पड़ा. उसने साफ कहा, मैं इससे खुश नहीं हूं. उसने मेरे बड़े पापा को मारा और फिर मेरे पिता को मारा, फिर मेरी बहन के साथ यह घटना हुई. उसे रिहा कर दिया गया, लेकिन हम अभी भी खतरे में हैं. कौन जानता है, अब जब वे बाहर आ गया, तो वे मुझे और मेरे पूरे परिवार को मार सकता हैं.

Advertisement

पीड़िता की बहन का कहना है कि परिवार पहले ही बहुत कुछ खो चुका है. पिता की मौत, रिश्तेदारों पर हुए हमले और लगातार मिल रही धमकियों ने उन्हें भीतर से तोड़ दिया है. अगर उन्हें बाहर ही रखना है, तो हमें जेल में डाल दीजिए. कम से कम हमारी जान तो सुरक्षित रहेगी. हम जिंदा तो रहेंगे, उसने यह भी कहा कि घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं, एक छोटा भाई है, और हर दिन यह डर बना रहता है कि कहीं उनके साथ कुछ अनहोनी न हो जाए.

पीड़िता के परिवार का आरोप है कि आरोपी से जुड़े लोग आज भी खुलेआम धमकियां दे रहे हैं. उनके कई आदमी बाहर घूम रहे हैं, कहते हैं कि अब वह वापस आ रहा है, तुम हमारा क्या कर लोगे. हमें कहा जाता है कि हम सबको मार डालेंगे. परिवार का कहना है कि ऐसी धमकियां उन्हें पहले भी मिलती रही हैं, लेकिन जमानत के आदेश के बाद यह डर कई गुना बढ़ गया है.

Advertisement

इंडिया गेट पर दिया धरना, पुलिस ने हटाया

इसी आशंका और विरोध के बीच दिल्ली में पीड़िता, उनकी मां और महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भायना ने इंडिया गेट के पास शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. उनका उद्देश्य था दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपनी आवाज उठाना, जिसमें कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित किया गया है. प्रदर्शन के दौरान पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने वर्षों तक संघर्ष किया है और अब जब आरोपी को जमानत मिली है, तो उनका भरोसा फिर से डगमगा गया है. हालांकि, यह प्रदर्शन ज्यादा देर तक नहीं चल सका. दिल्ली पुलिस ने पीड़िता, उनकी मां और योगिता भायना को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया.

शर्त के साथ मिली जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत दी है. अदालत ने 15 लाख रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती की शर्त रखी है. इसके साथ ही कई सख्त निर्देश भी दिए गए हैं. कोर्ट ने साफ कहा है कि सेंगर पीड़िता के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं आएगा और जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली में ही रहेगा. उसे हर सोमवार पुलिस को रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा.

अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि सेंगर पीड़िता या उसके परिवार को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी तरह की धमकी नहीं देगा. उसे अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा और किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में उसकी जमानत तुरंत रद्द की जा सकती है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह जमानत तब तक प्रभावी रहेगी, जब तक निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर हाईकोर्ट अंतिम निर्णय नहीं सुना देता.

Advertisement

तत्काल रिहाई संभव नहीं

हालांकि, इस जमानत आदेश के बावजूद कुलदीप सिंह सेंगर की तत्काल रिहाई संभव नहीं है. कारण यह है कि वह पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया जा चुका है और उस मामले में 10 साल की सजा काट रहा है. इस वजह से फिलहाल वह जेल में ही रहेगा, लेकिन सजा निलंबन का आदेश अपने आप में पीड़िता के परिवार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement