सावन के महीने में भक्तों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाए 16.89 करोड़ रुपये, पिछली बार से 5 गुना अधिक आया चढ़ावा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में इस साल सावन के महीने में 16 करोड़ से ज्यादा का चढ़ावा भक्तों ने चढ़ाया है. यह राशि बीते साल के मुकाबले ज्यादा है. यहां विश्ननाथ कॉरीडोर बनने के बाद से वीकेंड टूरिज्म बढ़ा है. इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू होने से विदेशों से भी लोग आने लगे हैं.

Advertisement
काशी विश्वनाथ मंदिर. काशी विश्वनाथ मंदिर.

शिल्पी सेन

  • लखनऊ,
  • 08 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के पवित्र महीने में 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का चढ़ावा आया है. बाबा के भक्तों ने सावन में रिकॉर्ड कायम करते हुए 16.89 करोड़ रुपये चढ़ावे के रूप में दिए हैं. इस वर्ष सावन के महीने में 1 करोड़ 63 लाख 17 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और करोड़ों का दान दिया.

Advertisement

सावन महीने में ये अब तक की सबसे ज्यादा धनराशि है. ये पिछली बार के मुकाबले 5 गुना अधिक है. साल 2022 के सावन में 3 करोड़ 71 हजार रुपये का चढ़ावा आया था. ये आंकड़ा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ने जारी किया है.

बता दें कि काशी विश्ननाथ मंदिर सुबह 4 बजे भक्तों के लिए खोल दिया जााता है. कहा जाता है कि 1969-70 के दशक में रानी अहिल्या बाई होल्कर ने इसका पुनिर्माण कराया था. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) 54 हजार वर्गमीटर में फैला है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था. इस कॉरिडोर के बनने से बाबा विश्वनाथ के मंदिर में आने वाला चढ़ावा दोगुना हो गया है.

पहले से बेहतर हो गया है पर्यटन उद्योग

धर्म की नगरी काशी का पर्यटन उद्योग भी पहले से बेहतर हो गया है. यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा विश्वनाथ की कमाई में इजाफा हो रहा है. जब से काशी विश्वनाथ का उद्घाटन हुआ है, तब से न केवल श्रद्धालुओं मंदिर में की संख्या बढ़ी है बल्कि सुविधाएं भी बढ़ा दी गई हैं. इससे मिलने वाले दान और चढ़ावे में भी इजाफा हुआ है. उद्घाटन के पहले मिलने वाले दान और बाद में लगभग दोगुना का अंतर पाया गया है. इसके साथ ही मंदिर का खर्चा और जिम्मेदारी भी बढ़ गई हैं.

Advertisement

ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफार्म से लिया जा रहा दान

श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से न केवल दान, बल्कि पूजन की गतिविधियां भी बढ़ी हैं. दान के कई ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफार्म हैं, जिन से दान लिया जा रहा है. इसके अलावा श्रद्धालुओं को ऑनलाइन टिकट और पूजा की व्यवस्था भी है. मंदिर में न केवल हुंडी दान बढ़ा है, बल्कि अन्य माध्यमों से भी दान में बढोत्तरी हुई है. अब वीकेंड पर भी श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. कॉरीडोर का भव्य रूप श्रद्धालुओं को खूब लुभा रहा है.

कॉरीडोर की वजह से पर्यटन उद्योग को मिला बढ़ावा

काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की वजह से बनारस के पर्यटन उद्योग में उछाल आया है, जिससे न केवल धार्मिक पर्यटन, बल्कि कॉर्पोरेट टूरिज्म में भी इजाफा हुआ है. कॉरीडोर के उद्घाटन के बाद से ही काशी में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा है. वहीं कॉर्पोरेट टूरिज्म में भी इजाफा हुआ है. साल 2019-2020 में काशी में वार्षिक रूप से धार्मिक पर्यटकों का आगमन 70-75 लाख था, लेकिन अब सालाना एक से डेढ़ करोड़ का अनुमान है. 

फ्लाइट शुरू होने से आने लगे इंटरनेशनल टूरिस्ट

काशी में वीकेंड टूरिज्म भी तेजी से बढ़ा है. रोड और कनेक्टिविटी अच्छी हो जाने से लोग अपने वाहनों से भी काशी आ पा रहे हैं. अब इंटरनेशनल फ्लाइट चालू हो जाने के चलते इंटरनेशनल टूरिस्ट भी आने लगे हैं. विश्वनाथ मंदिर के बाहर फूल-माला और गिफ्ट आइटम के दुकानदारों का काम भी अच्छा चलने लगा है. साड़ी व्यापारी का कहना है कि माता अन्नपूर्णा का प्रसाद समझकर तीर्थयात्री साड़ी जरूर खरीदकर काशी से अपने साथ ले जाते हैं. इसलिए साड़ी की बिक्री और साड़ी कारोबार में भी अच्छा इजाफा हुआ है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement