विवादों में आने के बाद कानपुर वाले करौली बाबा का नया दांव, जानिए आश्रम में क्यों बंद है हवन

डॉ. सिद्धार्थ चौधरी के आरोपों के बाद चर्चा में कानपुर के करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया अब अपने बेटे लव को सक्रिय राजनीति में ला सकते हैं. इन दिनों लव को कई कार्यक्रमों में देखा जा रहा है. इस बीच 31 मार्च के बाद से आश्रम में कोई हवन नहीं हुआ, जिसके बाद कई नए सवाल खड़े होने लग गए.

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करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया

सिमर चावला

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  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST

कानपुर के करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया एक बार फिर चर्चा में हैं. करौली शंकर बाबा ने 1 अप्रैल से अपने हवन की कीमत ढाई लाख रुपए करने की घोषणा की थी, लेकिन 31 मार्च के बाद से आश्रम में कोई हवन नहीं हुआ, जिसके बाद कई नए सवाल खड़े होने लग गए. चर्चा यह भी है कि करौली शंकर बाबा अपने बेटे की राजनीति में एंट्री कराने वाले हैं.  

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इन सबके बीच कानपुर पुलिस ने अपनी एक टीम नोएडा में डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी का बयान दर्ज करने के लिए भेज दी है.
डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी को कानपुर अपना बयान दर्ज करने के लिए आना था, लेकिन बाबा से अपनी जान का खतरा बताते हुए उन्होंने कानपुर आने से मना कर दिया, जिसके बाद मामले की जांच कर रहे विवेचक नोएडा गए हैं.

करौली आश्रम में क्यों नहीं हो रहा है हवन?

खैर 1 अप्रैल से करौली आश्रम में हवन नहीं हो रहा है, जिसको लेकर कई तरह की चर्चा है. हवन न कराए जाने के सवाल पर सफाई देते हुए करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया ने आजतक से बातचीत में बताया कि वह 1 तारीख से आश्रम में नहीं हैं, वह 5 से 7 अप्रैल तक आश्रम रहेंगे, जहां पर भक्तों के साथ सम्मेलन है और फिर वाराणसी चले जाएंगे.

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करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया ने कहा कि 10 तारीख के बाद ही हवन शुरू हो पाएगा. करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया ने बताया कि डॉक्टर के मामले के बाद से उनके भक्तों का आना और हवन के लिए डिमांड चार गुना बढ़ गई है, इन चीजों को मैनेज करना ही मुश्किल का काम हो रहा है.

सक्रिय राजनीति में बेटे की एंट्री कराएंगे बाबा

इस बीच खबर है कि करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया अपने बेटे की राजनीति में एंट्री करा सकते हैं. बाबा का बड़ा बेटा लव भदोरिया, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सदस्य है और लगातार राजनीतिक सभाएं कर रहा है. बाबा ने खुद 1990 के दशक में भारतीय किसान यूनियन से राजनीति में एंट्री ली, उसके बाद उन पर कई मुकदमे हुए.

मुकदमों से पीछा छुड़ाने के लिए वह करौली शंकर बन गए और लोगों का उपचार करने लगे. एक बार फिर से अपने आपको कानूनी दांवपेंच में उलझता देख करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया ने अपने रसूख और पैसे का इस्तेमाल कर अपने बेटे को राजनीति में सक्रिय करना शुरू कर दिया है.

लाव-लश्कर के साथ कार्यक्रमों में पहुंच रहा है लव

करीब एक साल पहले करौली शंकर बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया ने अपने बड़े बेटे लव को लखनऊ में राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा था. कई गाड़ियों का काफिला और उसके साथ भारी तादाद में गांव वाले गए थे ताकि वहां पर अपना रुतबा जमा सके. शहर में हो रहे कई कार्यक्रमों और सभाओं में लव आजकल सक्रिय हैं.

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लंदन में पढ़ाई करके लौटा है लव

लव अपनी गाड़ियों के काफिले और अपने लोगों के साथ कार्यक्रमों में शरीक हो रहे हैं और सक्रिय राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. लव ने लंदन से पढ़ाई की है और यहां पर आकर अपनी मां की कंपनियों को संभाल रहे हैं, जिसका करोड़ों का टर्नओवर है. वहीं दूसरा बेटा कुश अभी मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है.

 

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