उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने एक टीवी पत्रकार को सरकारी जमीन हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस जमीन का बाजार मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है. गिरफ़्तारी के बाद थाने पर जमकर हंगामा हुआ. मामले में 14 और लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है.
बताया जा रहा है कि मुकदमा लिखने के तुरंत बाद ही कई थानों की फोर्स को एक साथ भेज कर पत्रकार की गिरफ्तारी कर ली गई. जिसके बाद कोतवाली थाने के बाहर पत्रकारों, वकीलों और अन्य लोगों की भारी भीड़ लग गई. मेयर प्रमिला पांडे भी पैरवी मैं थाने पहुंच गईं.
पुलिस के मुताबिक, पत्रकार अवनीश अपने साथियों के साथ मौके पर एक प्लॉट पर कब्जा कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ पत्रकार द्वारा यह कहा गया कि वह वहां पर कवरेज करने गए थे. पत्रकार ने इसे द्वेष भावना से की गई कार्रवाई बताया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया कि जमीन आजादी से पहले सन 1810 में वूमेंस यूनियन मिशनरी को 99 साल के पट्टे पर दी गई थी. उसके बाद यह यूनाइटेड फॉलोशिप ऑफ क्रिश्चियन सर्विस को लीज पर दी गई। डीसीपी के अनुसार, इसमें एक गुट इमेनुअल और एक सैमुअल का है. इनके बीच जमीन की कब्जेदारी को लेकर विवाद चल रहा है. इसमें झांसी का एक इसाई समुदाय का रहीस हरेंदर मसीह भी शामिल है. उसने जमीन की पॉवर ऑफ अटॉर्नी अवनीश दीक्षित के नाम कर दी. अवनीश ने इसका केयरटेकर जीतेश झा को बना दिया. इसी आड़ में अवनीश समेत अन्य लोग कब्जा करने पहुंच गए। सैमुअल से पुलिस ने बात की तो उन्होंने कहा कि वह प्रार्थना कराकर चले गए थे. इसी के बाद कब्जे वाली बात उठी
मामले में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) हरीश चंद्र ने बताया कि पत्रकार अवनीश को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. अन्य आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश), 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग), 127(2) (गलत तरीके से बंधक बनाना), 191(2) (दंगा), 308(5) (जबरन वसूली), 310(2) (डकैती), 324(4) (नुकसान पहुंचाने वाली शरारत), 329(4) (घर में जबरन घुसना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 352 (जानबूझकर अपमान करना) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) राकेश कुमार सिंह ने कहा कि अवनीश दीक्षित ने तीन दर्जन अन्य लोगों के साथ मिलकर पॉश सिविल लाइंस इलाके में लगभग 7,500 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर कथित रूप से अतिक्रमण किया है, जिसका बाजार मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है. ऐसी सूचना मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
डीएम ने कहा कि अवनीश दीक्षित और उसके आदमियों ने कथित रूप से ताले तोड़ दिए और कमरों पर अपने ताले लगा दिए. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त डीएम की अध्यक्षता वाली राजस्व टीम ने पाया कि यह जमीन सरकारी जमीन (नजूल) थी और इसका पट्टा पहले ही समाप्त हो चुका था.
डीएम ने आगे बताया कि यह जमीन 1884 में 99 साल की अवधि के लिए पट्टे पर दी गई थी. पट्टे का नवीनीकरण 25 साल के लिए किया गया था और वह अवधि भी अब समाप्त हो चुकी है. इसपर गैरकानूनी तरीके से कब्जा करने के आरोप में कार्रवाई हुई है.
aajtak.in