कानपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में रेलवे गार्ड की हुई सनसनीखेज हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने तीन महीने की सर्विलांस जांच के बाद मृतक के बेटे रामसुभग तिवारी और उसके साथी ऋषभ शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया. यह मामला न केवल संपत्ति विवाद से जुड़ा है बल्कि आरोपी बेटे ने हत्या की योजना बनाने के लिए अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम’ से आइडिया लिया था जिसने पुलिस को भी चौंका दिया.
बेटे ने कैसे की पिता की हत्या
मृतक कमलापति तिवारी मार्च 2025 में लापता हो गए थे. 12 जून 2025 को उनकी पत्नी मधु तिवारी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. कुछ दिनों बाद औरैया में एक अज्ञात शव मिला, जिसे बाद में मृतक की पत्नी ने कमलापति तिवारी के रूप में पहचान लिया.
जांच के दौरान पुलिस को मृतक के बेटे पर शक हुआ. इसके पीछे कारण यह था कि मृतक का मोबाइल बिहार में कुछ देर के लिए ऑन हुआ और उसी समय बेटे ने तुरंत फोन किया. इस कड़ी ने पुलिस को आरोपियों तक पहुंचा दिया.
पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा आरोपी बेटा
पूछताछ में सामने आया कि 17 मार्च की शाम मृतक जब घर लौट रहे थे, तभी रामसुभग तिवारी और ऋषभ शुक्ला ने उनका गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को बोरे में भरकर औरैया ले गए, चेहरे पर आग लगाकर पहचान मिटाने की कोशिश की.
पुलिस के मुताबिक मृतक परिवार पर खर्च नहीं करते थे और आठ दुकानों की आमदनी भी खुद रखते थे. उसे नश की भी लत थी. इसी के बाद संपत्ति में हिस्सेदारी न मिलने पर बेटे ने हत्या की साजिश रची. वो जब साजिश रचा रहा था तो उसी दौरान फिल्म ‘दृश्यम’ देखने के बाद उसे लगा कि वह हत्या की इस वारदात को छिपा सकता है.
एक गलती ने बेटे को कराया गिरफ्तार
उसने पिता के मोबाइल को बिहार भेजकर वहां ऑन करवाया ताकि पुलिस गुमराह हो लेकिन उसी समय खुद पिता को कॉल करना उसके लिए भारी पड़ गया.
कल्याणपुर पुलिस ने 19 सितंबर 2025 की सुबह दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मृतक का मोबाइल भी बरामद कर लिया. डीसीपी (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
रंजय सिंह