उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी और जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जेल से रिहाई के बाद शहर में सियासी और सामाजिक हलचल तेज हो गई है. 131 दिन बाद जेल से बाहर आए जफर अली शुक्रवार को भारी संख्या में समर्थकों के साथ संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद पहुंचे, जहां उन्होंने जुम्मे की नमाज अदा की.
नमाज के बाद मस्जिद की सीढ़ियों पर खड़े होकर जफर अली ने हाथ उठाकर नमाजियों का अभिवादन किया और अपने ऊपर लगे आरोपों पर चुप्पी साधते हुए सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने 'शहर की अमन और शांति के लिए दुआ की है'. इस मौके पर प्रशासन सतर्क दिखा. मस्जिद के बाहर भारी पुलिस बल, ASP स्तर के अधिकारियों और RRF के जवानों की तैनाती की गई थी.
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इस दौरान मस्जिद के आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया था. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए PAC भी मुस्तैद रही. गौरतलब है कि 24 नवंबर 2024 को संभल में हुई हिंसा के मामले में जफर अली को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए जेल भेजा गया था. हालांकि, 24 जुलाई को उन्हें हाईकोर्ट से और 31 जुलाई को एमपी/एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई.
गुरुवार को मुरादाबाद जेल से रिहा होकर वे सीधे अपने आवास पहुंचे और फिर शुक्रवार की सुबह मस्जिद के लिए रवाना हुए. सुबह 'आज तक' से बातचीत में जफर अली ने राजनीति में उतरने की संभावना को भी खुला छोड़ा. उन्होंने कहा, अगर आवाम चाहेगी तो मैं 101 प्रतिशत राजनीति में आऊंगा. जफर अली की इस वापसी को लेकर जहां समर्थक जश्न के मूड में दिखे.
वहीं, प्रशासन की निगाहें हर गतिविधि पर टिकी रहीं. फिलहाल शहर में शांति है लेकिन उनकी रिहाई ने आने वाले दिनों में राजनीतिक हलकों में हलचल तेज करने के संकेत दे दिए हैं.
अभिनव माथुर