यूपी में 4 दिन चली इनकम टैक्स की रेड, 1200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी आई सामने

आयकर विभाग ने अपने बयान में बताया कि इनकम टैक्स विभाग ने यूपी के मीट उत्पादक और निर्यातक कम्पनीज पर रेड डाली थी, जोकि चार दिन तक चली. इस रेड में 1200 करोड़ रुपये के कालाधन के बारे में पता चला है. एक हजार करोड़ कैश विभिन्न डमी बैंक एकाउंटों से निकाला गया है, जिसका हिसाब कंपनी मलिक नहीं दे पाए.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 24 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा की गई छापेमारी के मामले में बयान जारी किया गया है. विभाग ने लखनऊ में मीट उत्पादक और निर्यातक कम्पनियों पर छापेमारी की थी, जोकि चार दिन तक चली. इस रेड में आईटी ने बताया कि 1200 करोड़ रुपये के कालाधन का पता लगा है. 

आयकर विभाग ने अपने बयान में बताया कि इनकम टैक्स विभाग ने यूपी के मीट उत्पादक और निर्यातक कम्पनीज पर रेड डाली थी, जोकि चार दिन तक चली. इस रेड में 1200 करोड़ रुपये के कालाधन के बारे में पता चला है. एक हजार करोड़ कैश विभिन्न डमी बैंक एकाउंटों से निकाला गया है, जिसका हिसाब कंपनी मलिक नहीं दे पाए. कंपनी मालिकों ने 1000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी स्वीकार की है. यह आयकर विभाग उत्तर प्रदेश का नया रिकॉर्ड है. 

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GST के छापों ने उड़ाई थी नींद

इससे पहले यूपी के कई जिलों में जीएसटी की टीमों ने भी व्यापारियों पर छापेमारी की थी. प्रदेशभर में जीएसटी की टीमों ने टैक्स चोरी पाए जाने के बाद जुर्माना वसूला. छापों के डर से व्यापारियों ने अपनी दुकानें भी बंद रखीं. कई जगहों पर व्यापारियों ने विधायकों और मंत्रियों को घरे लिया था. जीएसटी टीम की रेड की अफवाह से ही पूरे मार्केट की धड़ाधड़ शटरें गिरा दी जाती हैं. बाजार में कुछ ही पलों में सन्नाटा छा जाता है. जो दुकानें रजिस्टर्ड नहीं हैं या फिर उन्हें कार्रवाई का डर सता रहा है, वे दुकानें बंद करके घरों में बैठे हैं. व्यापारी बताते हैं कि जो दुकानदार जीएसटी के दायरे में नहीं है, उन्हें भी छापेमारी के नाम पर परेशान किया जा रहा है.

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यूपी में नगर निगम चुनाव का शंखनाद हो गया है. पूरे प्रदेश के निकायों का आरक्षण घोषित कर दिया गया है. सत्ताधारी बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दल चुनावों की तैयारी में जुटे हैं. इस बीच, जीएसटी के छापों ने व्यापारियों के साथ स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी परेशान किया. 

 

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