संभल के रूबी की यह कहानी किसी एक रात में घटा अपराध नहीं, बल्कि पड़ोस से शुरू हुए उस रिश्ते की दास्तान है जो धीरे-धीरे प्यार बना और फिर उसी प्यार को हासिल करने की सनक ने उसे अपने ही पति की हत्यारिन बना दिया. यह एक ऐसा ब्लाइंड मर्डर था, जिसमें न सिर था, न हाथ-पैर, न कोई पहचान. सिर्फ सड़ता हुआ धड़, एक काला बैग और पुलिस के सामने खड़े अनगिनत सवाल. पूरे 27 दिनों तक यह मामला पुलिस के लिए एक रहस्य बना रहा, लेकिन कहते हैं न… झूठ चाहे जितना भी शातिर क्यों न हो, किसी न किसी मोड़ पर अपनी एक चूक जरूर छोड़ जाता है. संभल की रूबी की कहानी में भी वही चूक इस खौफनाक साजिश का पर्दाफाश बन गई.
सड़ा धड़ और काले बैग की सनसनी
15 दिसंबर की सुबह चंदौसी थाना क्षेत्र के पतरुआ ईदगाह के पीछे खेतों के पास एक काले रंग का बड़ा बैग पड़ा मिला. बदबू इतनी तेज थी कि आसपास के लोग ठहर नहीं पाए. सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अनुज तोमर फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे. बैग खुला तो हर किसी की सांस थम गई अंदर एक इंसानी धड़ था. न सिर, न दोनों हाथ-पैर. शरीर की खाल गल चुकी थी, पहचान लगभग नामुमकिन. यह एक ब्लाइंड मर्डर था. न शव पूरा, न कोई प्रत्यक्ष सुराग. शुरुआती जांच में यही सवाल था यह लाश है किसकी?
हाथ पर टैटू और एक टी-शर्ट
पुलिस को एक हाथ मिला, जिस पर राहुल नाम का टैटू गुदा था. पुलिस ने सबसे पहले यह तलाशा कि क्या राहुल नाम का कोई आदमी गायब है. पुलिस को पहला सुराग यही से मिला. चंदौसी पुलिस ने इलाके में हाल के दिनों में गुमशुदा लोगों की सूची खंगालनी शुरू की. SHO अनुज तोमर ने थाने के रजिस्टर खुलवाए, मोहल्लों में पूछताछ शुरू हुई. इसी कड़ी में 24 नवंबर की एक गुमशुदगी रिपोर्ट सामने आई. चुन्नी मोहल्ला निवासी रूबी ने अपने पति राहुल के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. राहुल जूते-चप्पल बेचने का काम करता था और दो बच्चों का पिता था. पुलिस ने रूबी को थाने बुलाया.
पहचान से इनकार और गहराता शक
जब पुलिस ने रूबी को बैग से मिली टी-शर्ट दिखाई और पूछा कि क्या यह उसके पति की हो सकती है, तो रूबी ने बिना झिझक इनकार कर दिया. उसने साफ कहा कि यह मेरे पति की लाश नहीं है. लेकिन यहीं से पुलिस का शक गहराने लगा. जिस महिला ने पति की गुमशुदगी दर्ज कराई हो, वही इतनी बेरुखी से पहचान से इनकार करे यह सामान्य नहीं था. रूबी के बयान में ठहराव था, लेकिन आंखों में डर भी. पुलिस ने दोबारा पूछताछ की. इस बार सवाल सीधे नहीं थे, बल्कि परतों में लिपटे हुए.
मोबाइल ने खोल दिया राज
जांच का सबसे अहम मोड़ तब आया, जब पुलिस ने रूबी का मोबाइल फोन खंगालने का फैसला किया. गैलरी खुलते ही तस्वीरों की एक कड़ी सामने आई. उनमें रूबी के साथ एक युवक खड़ा था राहुल. वही टी-शर्ट पहने हुए, जो कटी लाश के साथ मिली थी. यहीं रूबी का झूठ पहली बार पूरी तरह बेनकाब हुआ. टी-शर्ट, तस्वीर और गुमशुदगी तीनों एक ही कहानी कह रहे थे. पुलिस ने जब इन तस्वीरों को रूबी के सामने रखा, तो उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगा. चेहरे का रंग उड़ गया. कुछ पल की खामोशी के बाद वह टूट गई.
प्रेम, आपत्ति और एक रात की हत्या
पूछताछ में रूबी ने जो कबूला, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था. मामला 17/18 नवंबर की रात का था. राहुल अपनी पत्नी रूबी और दो बच्चों के साथ चुन्नी मोहल्ले में रहता था. लेकिन रूबी का मोहल्ले के ही युवक गौरव से प्रेम प्रसंग चल रहा था. उसी रात, करीब 11 बजे, रूबी ने गौरव को घर बुलाया. रात लगभग 2 बजे राहुल घर पहुंचा. दरवाजा खुलते ही उसने जो देखा, उससे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. पत्नी को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर वह आग-बबूला हो गया. घर में झगड़ा शुरू हुआ. गुस्से, डर और हड़बड़ी के उस पल में रूबी ने लोहे की रॉड उठाई और राहुल के सिर पर जोरदार वार कर दिया. राहुल वहीं गिर पड़ा. कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई.
हत्या के बाद की खौफनाक योजना
हत्या के बाद दोनों को एहसास हुआ कि अब लाश को ठिकाने लगाना होगा. अगले दिन गौरव ने कटर मशीन का इंतजाम किया. 18 नवंबर को दोनों ने मिलकर राहुल के शव के टुकड़े किए. पहले सिर अलग किया, फिर दोनों हाथ-पैर. रूबी बाजार गई और दो बड़े काले बैग खरीदे. एक बैग में सिर और चारों हाथ-पैर भरे गए, दूसरे में धड़. पहला बैग दोनों 50 किलोमीटर दूर राजघाट गंगा ले गए और बीच धारा में बहा दिया. दूसरा बैग चुन्नी मोहल्ले के पास पतरुआ ईदगाह के पीछे खेत में फेंक दिया गया. उन्हें लगा, मामला हमेशा के लिए खत्म हो गया.
गुमशुदगी की चाल और पुलिस की नजर
हत्या और शव ठिकाने लगाने के बाद भी रूबी ने खुद को सुरक्षित करने की एक और चाल चली. 24 नवंबर को वह थाने पहुंची और पति राहुल की गुमशुदगी दर्ज करा दी. उसके हिसाब से अब कोई उस पर शक नहीं करेगा. लेकिन 15 दिसंबर को मिले काले बैग ने पूरी योजना को हिला दिया.
हाथ पर गुदा नाम
पुलिस की डीप इन्वेस्टिगेशन में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. बरामद धड़ के एक हाथ पर राहुल नाम गुदा हुआ था. हालांकि हाथ कटे हुए थे, लेकिन उसी हिस्से ने सबसे पहले यह इशारा दे दिया कि मृतक का नाम राहुल है. यही नाम पुलिस को गुमशुदगी रजिस्टर तक ले गया, और फिर सीधे रूबी तक.
कबूलनामा और सबूतों की बरामदगी
कड़ाई से पूछताछ के बाद रूबी ने पूरे अपराध की परत-दर-परत कहानी पुलिस को बता दी. इसके बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम रूबी के घर पहुंची. वहां से शव के टुकड़े करने में इस्तेमाल की गई कटर मशीन समेत कई अहम सबूत बरामद हुए. प्रेमी गौरव को भी गिरफ्तार किया गया. दोनों की शातिर योजना सिर्फ एक चूक टी-शर्ट और मोबाइल तस्वीर की वजह से बिखर गई.
अभिनव माथुर