वाराणसी में एक शादी समारोह में लड़के पक्ष के साथ पैसों के लेनदेन के विवाद में दुल्हन ने स्टेज पर ही वरमाला तोड़कर शादी से इनकार कर दिया. मीरापुर बसही स्थित मंगल मंडपम लॉन में चल रहे कार्यक्रम के बीच दुल्हन के इस कदम से पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया और अंततः बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गई. मामला पुलिस तक जा पहुंचा.
कैसे शुरू हुआ विवाद
शिवपुर निवासी राजेंद्र प्रसाद की बेटी चांदनी जायसवाल की शादी भदोही जिले के सुरियावां निवासी रोहित जायसवाल से तय हुई थी. रोहित मुंबई में एक पिज़्ज़ा कंपनी में मैनेजर बतौर काम करता है. 23 मई को छेका हुआ, दावा है कि जहां वर पक्ष की ओर से 1 लाख रुपये की मांग की गई. लड़की वालों का कहना है कि हमने 75,000 की बात मान ली और बाकी पैसा बाद में देने का वादा किया. बारात निर्धारित समय पर लॉन पहुंची, स्वागत हुआ और रस्में शुरू की गईं. यहां तक सब कुछ सामान्य था. लेकिन जयमाल के समय ही दरार साफ दिखाई देने लगी.
पहले रुपये दो, फिर रस्म होगी
आरोप है कि जैसे ही दूल्हा जयमाल के लिए स्टेज पर चढ़ा, वर पक्ष के कुछ सदस्यों ने बाकी पैसे की मांग करते हुए दूल्हे को नीचे उतार लिया. लड़की के पिता ने कई रिश्तेदारों से पैसे जुटाए, तब जाकर दूल्हे को स्टेज पर आने दिया गया और कार्यक्रम आगे बढ़ा. दूल्हे और दुल्हन ने जयमाल तो डाल दिया, लेकिन मामला यहीं शांत नहीं हुआ.
खाने की टेबल पर विवाद फूटा
जयमाल के बाद दोनों परिवार खाने की टेबल की ओर बढ़े. इसी दौरान वर पक्ष के लोग फिर दहेज की बाकी रकम को लेकर दबाव बनाने लगे. लड़की के घरवालों का आरोप है कि पैसों की मांग के साथ ही उनकी औकात पर भी तंज कसे गए. दुल्हन चांदनी के मुताबिक, मेरी मां हाथ जोड़ती रहीं, लेकिन लड़के वाले बार-बार पैसे की मांग करते रहे. मुझे लगा ये शादी नहीं, लेन-देन की सौदेबाज़ी है. मेरे माता-पिता की बेइज्जती होते नहीं देख सकती थी.
दुल्हन ने उतारी वरमाला
विवाद बढ़ते ही चांदनी ने बिना किसी हिचक के अपने गले से वरमाला निकाली और स्टेज पर फेंकते हुए साफ कहा कि वह ऐसे परिवार में शादी नहीं करेगी, जो शुरुआत से ही दहेज की शर्तें थोप रहा है. उनके इस फैसले से दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हो गई. मामला बिगड़ता देख बारात वापस लौट गई.
शिवपुर थाने तक पहुंची शिकायत
शादी टूटने के बाद लड़की पक्ष ने दहेज मांगने और अपमानित करने के आरोपों के साथ शिवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने दोनों परिवारों के बयान लिए और जांच शुरू कर दी है. चांदनी के पिता राजेंद्र प्रसाद, जो सब्ज़ी बेचकर परिवार चलाते हैं, ने बताया कि धूमधाम से शादी करने के लिए कर्ज तक लेना पड़ा. 75,000 दे चुके थे और ₹25,000 देने का वादा भी किया था. फिर भी शादी में तमाशा किया गया. ऐसे लालची लोगों पर कैसे भरोसा करते? मेरी बेटी की जिंदगी बर्बाद हो सकती थी.
दुल्हन का साहस चर्चा का विषय
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुल्हन का यह फैसला हिम्मत का उदाहरण है. अक्सर दहेज मांगने की स्थिति में परिवार दबाव में आकर चुप रह जाते हैं, लेकिन चांदनी ने स्टेज पर ही साफ शब्दों में कहा कि ये शादी नहीं मजबूरी बन जाती. बेहतर है इसे यहीं खत्म कर दूं.
रोशन जायसवाल