महाकुंभ-2025 के दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचने की संभावनाएं हैं. नगर निगम का कहना है कि जनवरी-फरवरी के बीच 2.5 करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच सकते हैं और इसके लिए मंदिर प्राधिकरण ने तैयारियां शुरू कर दीं हैं. इसके अलावा निगम को नई साल के पहले दिन लगभग तीन से पांच लाख भक्तों के मंदिर पहुंचने की उम्मीद है.
अयोध्या नगर निगम के अनुसार, 13 जनवरी से 12 फरवरी तक लगभग 2.5 करोड़ भक्तों के आने की संभावना है. नगर निगम के अधिकारियों को भी नए साल के दिन मंदिर शहर में लगभग तीन से पांच लाख भक्तों के आने की उम्मीद है.
अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी का कहना है, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि प्रयागराज में महाकुंभ में आने वाले लगभग 10 प्रतिशत श्रद्धालु भगवान राम की एक झलक पाने के लिए अयोध्या आ सकते हैं. महाकुंभ में 25 करोड़ लोगों के आने की संभावना है. इसलिए हमारा मानना है कि पौष पूर्णिमा (13 जनवरी, 2025) से माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) की अवधि के दौरान 2.5 करोड़ से 3 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या पहुंच सकते हैं.
उन्होंने रविवार को पीटीआई को बताया कि वर्तमान में हर दिन 1.5 लाख से 2 लाख लोग अयोध्या आ रहे हैं, जबकि नए साल के दिन (1 जनवरी) तीन से पांच लाख श्रद्धालु अयोध्या आ सकते हैं.
अयोध्या में होंगे खास इंतजाम: मेयर
मेयर ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में ठंड को ध्यान में रखते हुए 5 हजार लोगों की क्षमता वाली एक टेंट सिटी स्थापित करने का एक प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा जा चुका है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अस्थायी 'रेन बसेरे' (आश्रय गृह) स्थापित किए गए हैं और कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. हमें उम्मीद है कि हम मौजूदा ठंड के मौसम की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे.
13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा महाकुंभ
महाकुंभ-2025 13 जनवरी से 26 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा. महाकुंभ के बारे में विस्तार से बताते हुए राम नाम बैंक के संयोजक, प्रयागराज स्थित आशुतोष वार्ष्णेय ने कहा कि महाकुंभ मेले में पवित्र जल में स्नान करना सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. उन्होंने कहा, त्रिवेणी संगम (नदियों का संगम) पर लाखों तीर्थयात्री इस पवित्र अभ्यास में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं.
उन्होंने ने रविवार को पीटीआई को बताया कि स्नान अनुष्ठान के अलावा, तीर्थयात्री गंगा के किनारे पूजा में भी शामिल होते हैं.
उन्होंने कहा, 'महाकुंभ अवधि के दौरान गंगा में डुबकी लगाने के बाद अगर किसी भक्त को अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने का अवसर मिलता है तो यह निश्चित रूप से उनके लिए एक अतिरिक्त दिव्य क्षण होगा.'
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