संभल में बनियाठेर थाना इलाके के सराय सिकंदर में 2012 में बाबा साकार विश्व हरि का आश्रम बना है. साढ़े साथ बीघे में बना ये आश्रम प्रवास कुटिया के नाम से बाबा की पत्नी प्रेमवती के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस आश्रम में भी पुलिस पहुंची थी और यहां रहने वाले लोगों से पूछताछ की. आश्रम के अध्यक्ष रमेशचंद ने हाथरस हादसे के चश्मदीद हैं. उन्होंने जो बात कही वह चौंकाने वाली है.
रमेश चंद का कहना है कि हाइवे पर वाहनों के खड़े होने की वजह से ये हादसा हुआ है. रोड के दूसरी तरफ भारी वहन खड़े थे और हजारों लोगों के निकलने के लिए रास्ता साफ नहीं था. लोग पानी के प्याऊ के ऊपर चढ़कर बाहर निकलना चाहते थे. प्याऊ पर पानी होने के कारण फिसलन थी और लोग उस पर फिसल कर गिरते चले गए. आगे भीड़ उन्हीं लोगों के ऊपर से गुजरती गई. इससे भगदड़ मच गई और लोगों की मौतें हुई है.
रात में पुलिस पहुंची थी प्रवास कुटिया
प्रवास कुटिया में सेवादार के रूप में काम कर रहे रसोइया ने बताया कि बाबा 2013 और 2015 में एक एक महीने के लिए यहां रुके थे. उसने बताया कि रात में यहां पुलिस आयी थी और पूछताछ कर चली गयी. प्रवास कुटिया में हमें बाबा का सेवादार मन्नू मिला जिसको पहले कैंसर था. उसका कहना है कि उसको पहले कैंसर था और उसने बहुत डॉक्टरों से इलाज कराया मगर ठीक नहीं हुआ.
बाबा का सेवादार बनने पर ठीक हो गया कैंसर
कैंसर होने के कारण मन्नू के परिवार वालों ने उसको अपने घर से भी निकाल दिया. तभी वह किसी के मध्यम से बाबा साकार विश्व हरि से मिला और उनकी सेवा में लग गया. इससे उसका कैंसर ठीक हो गया. अभी मन्नू इसी प्रवास कुटिया में रहकर सेवादार बना हुआ है.
बाबा साकार विश्व हरि का असली नाम है सतपाल
बता दें कि साकार विश्व हरि के नाम से ख्याति पा रहे बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वहीं उनकी पत्नी को माता के नाम से जाना जाता है. उनका असली नाम प्रेमवती है. बाबा साकार विश्व हरि जिला कासगंज की तहसील पटयली, गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं और वह पहले पुलिस में नौकरी करते थे. बाबा के अनुयायियों से जानकारी मिली कि पुलिस में नौकरी करते-करते सतपाल को एक दिन भगवान हरि के दर्शन हुए और उन्होंने तब से पुलिस की नौकरी छोड़ दी और बाबा बन गए. उसके बाद से बाबा साकार विश्व हरि के नाम से जगह जगह सत्संग करने लगे.
अनूप कुमार