आरोप लगाया, निलंबन हुआ तो मांगे पांच लाख... हापुड़ में लेखपाल ने दी जान, सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश  

भ्रष्टाचार के आरोप, शिकायत वापसी के लिए 5 लाख रुपए की मांग और दबाव. इन्हीं तीन जंजालों में फंसकर धौलाना तहसील के निलंबित लेखपाल सुभाष मीणा ने बुधवार को जहर खा लिया, जिनकी गुरुवार को दिल्ली के मेट्रो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ मंडल के आयुक्त और जोन के पुलिस महानिरीक्षक को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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परेशान  लेखपाल सुभाष मीणा ने जहर खाकर जान दे दी (Photo: ITG) परेशान लेखपाल सुभाष मीणा ने जहर खाकर जान दे दी (Photo: ITG)

देवेंद्र कुमार शर्मा

  • हापुड़,
  • 10 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

भ्रष्टाचार के आरोप, शिकायत वापसी के लिए 5 लाख रुपए की मांग और दबाव. इन्हीं तीन जंजालों में फंसकर धौलाना तहसील के निलंबित लेखपाल सुभाष मीणा ने बुधवार को जहर खा लिया, जिनकी गुरुवार को दिल्ली के मेट्रो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ मंडल के आयुक्त और जोन के पुलिस महानिरीक्षक को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. 

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शिकायत वापसी के बदले 5 लाख रुपए की मांग

जानकारी के अनुसार, एक  महीना पहले धौलाना तहसील के ग्राम डहाना निवासी एक ग्रामीण ने जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय की जनसुनवाई में लेखपाल सुभाष मीणा पर खसरा-खतौनी की नकल के बदले अवैध वसूली का आरोप लगाया था. डीएम ने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत सुभाष मीणा को निलंबित कर जांच के आदेश दिए. लेकिन मामला यहीं नहीं रुका. लेखपाल के परिजनों के अनुसार, शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत वापस लेने के बदले ₹5 लाख की मांग की जा रही थी. मानसिक और सामाजिक दबाव में सुभाष पूरी तरह टूट चुके थे.

तहसील से बाहर निकलते ही निगला जहर

बुधवार दोपहर जब सुभाष मीणा धौलाना तहसील के कार्यालय से बाहर निकले, तो उन्होंने अचानक जेब से विषाक्त पदार्थ निकाल कर सेवन कर लिया. कुछ ही मिनटों में उनकी हालत बिगड़ने लगी. उन्हें तत्काल पिलखुवा के रामा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. लेकिन हालत गंभीर बनी रही, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली के मेट्रो हॉस्पिटल रेफर कर दिया. वहां गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ मंडल के आयुक्त और जोन के पुलिस महानिरीक्षक को जांच सौंपते हुए पूरे प्रकरण की गहन और निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं बरती जाएगी, और यदि कोई दोषी पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.

प्रशासन और राजस्व विभाग में मचा हड़कंप

हापुड के डी एम अभिषेक पांडे का कहना है कि , शिकायत के बाद लेखपाल को निलंबित किया गया था , मामले की जांच चल रही थी. शिकायतकर्ता भूपेंद्र ने लेखपाल से जांच समाप्त कराने ले लिए पांच लाख रुपए मांग रहा था. हमारी परिजनों के साथ संवेदना है. उनसे बात चल रही है . परिजन शाम तक तहरीर देंगे, जिसके बाद मुकदमा लिखकर एक्शन लिया जाएगा. .

अस्पताल में लेखपालों का प्रदर्शन

जैसे ही सुभाष मीणा के जहर खाने सूचना फैली, राजस्व विभाग के कर्मचारी अस्पताल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि एक ओर जहां शिकायतों को बिना जांच के मान लिया जाता है, वहीं कर्मचारी को सफाई देने का मौका तक नहीं मिलता. यह मौत नहीं, सिस्टम की हत्या है. 

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