गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र में हुई एक घटना ने पूरे गांव की खुशियां मातम में बदल दीं. डॉक्टर बनने का सपना लेकर पढ़ाई में जुटा रहने वाला 19 वर्षीय दीपक अब इस दुनिया में नहीं रहा. पशु तस्करों और ग्रामीणों के बीच झड़प में दीपक की मौत हो गई. सुबह जब उसका शव गांव के पास मिला तो कोहराम मच गया. मां और बहनें बेसुध होकर गिर पड़ीं, रिश्तेदारों की चीखें पूरे माहौल को चीरती रहीं और गांव का गुस्सा सड़कों पर उतर आया. ग्रामीणों का आरोप है कि तस्करों ने गोली मारी, जबकि पुलिस गिरने की वजह से सिर में लगी चोट को वजह बता रही है. अब सभी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
कैसे हुई वारदात
सोमवार रात करीब 3 बजे का वक्त था. पिपराइच के जंगलधूसड़ गांव की नींद अचानक गाड़ियों की आवाज और मवेशियों की हलचल से टूटी. तीन गाड़ियां लेकर पहुंचे पशु तस्कर गांव में बंधे मवेशियों को खोलने लगे. अंधेरे और सन्नाटे में अचानक हुई इस हरकत ने ग्रामीणों को चौंका दिया. लोग घरों से बाहर निकल आए और शोर मचाने लगे. यही शोर सुनकर दीपक भी बाहर आया. महज 19 साल का यह युवक डॉक्टर बनने का सपना लिए नीट (NEET) की तैयारी कर रहा था. गांव में हलचल देख वह भी ग्रामीणों के साथ तस्करों का पीछा करने लगा.
इसी दौरान एक गाड़ी कीचड़ में फंस गई. तस्करों और ग्रामीणों का आमना-सामना हुआ. पत्थरबाजी शुरू हो गई. अफरातफरी के बीच दीपक तस्करों के हाथ लग गया. आरोप है कि उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया गया और कुछ ही घंटों बाद उसका शव गांव से करीब 4 किलोमीटर दूर सरैया गांव में बरामद हुआ.
गोली या चोट: एसएसपी ने जारी किया बयान
घटना के तुरंत बाद गांव में खबर फैल गई. सुबह होते-होते यह खबर आग की तरह फैल गई और माहौल भड़क गया. एसएसपी गोरखपुर राज करण नैय्यर ने बताया, पिपराइच थाना क्षेत्र में सुबह 3 बजे एक गांव में पशु तस्कर 2 गाड़ियों में आए थे जिनमें से एक गाड़ी गांव में फंस गई थी जिससे तस्कर भाग निकले. दूसरी गाड़ी का गांव के एक युवक के द्वारा पीछा किया गया. युवक के सिर पर चोट आई और उसकी मौत हो गई. सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज़ करके पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. कुछ लोगों के द्वारा कहा जा रहा था कि गोली मारी गई है लेकिन प्रथम दृष्टया चोटों को देखने पर कोई गोली लगने की बात सामने नहीं आई है. टीमें लगाई गई हैं, जल्द गिरफ़्तारी कर ली जाएगी. एक पशु तस्कर गांव वालों के हाथ लगा था जिसे चोटें आई हैं. जिसका इलाज कराया जा रहा है.
गांव में गुस्सा, सड़क पर जाम
दीपक की मौत की खबर मिलते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. सुबह होते-होते गोरखपुर-पिपराइच रोड पर भीड़ उमड़ आई. सैकड़ों लोग जमा हो गए और सड़क जाम कर दी. नारेबाजी शुरू हो गई. गुस्से में आकर ग्रामीणों ने एक वाहन को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर ईंट-पत्थर बरसाने लगे. स्थिति इतनी बिगड़ी कि बीच-बचाव करने पहुंचे एसपी नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच थाना प्रभारी पुरुषोत्तम भी घायल हो गए. हालात काबू करने के लिए पुलिस को पीछे हटना पड़ा और चार थानों की फोर्स व PAC मौके पर तैनात करनी पड़ी.
परिवार का मातम
दीपक गुप्ता का परिवार पूरी तरह टूट चुका है. पढ़ाई में होनहार और डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले दीपक पर पूरे घर की उम्मीदें टिकी थीं. परिजनों ने रोते हुए कहा दीपक शोर सुनकर बाहर गया था. हमें नहीं पता था कि वह वापस ही नहीं लौटेगा. शव देखते ही मां और बहनें बेहोश होकर गिर पड़ीं. रिश्तेदारों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. गांव का हर शख्स यही कह रहा था कि दीपक मेहनती था और परिवार का सहारा था. अब घर का ‘दीपक’ बुझ गया है.
पुलिस की कार्रवाई
वारदात के बाद पुलिस हरकत में आई. एक तस्कर ग्रामीणों के हाथ लग गया जिसे लोगों ने जमकर पीटा. घायल हालत में उसे पुलिस ने कब्जे में लिया और इलाज के लिए भेजा. पुलिस ने बताया कि उसके पास से बरामद मोबाइल डिवाइस से बाकी आरोपियों की पहचान की जा रही है. एसएसपी राज करण नैय्यर ने कहा कि मामले की जांच के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही हैं और जल्द ही सभी आरोपी पकड़े जाएंगे.
CM योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने एक्स पर जानकारी दी है कि सीएम ने गोरखपुर में हुई दु:खद घटना का संज्ञान लिया है. उन्होंने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से संवाद करने एवं दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई हेतु निर्देशित किया है.
प्रशासन की रणनीति
तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने रणनीति बनाई है. गांव में भारी पुलिस बल और PAC तैनात कर दी गई है. भीड़ को समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
क्यों गुस्से में हैं ग्रामीण?
गांववालों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से तस्कर बेखौफ हैं. उनका कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई होती तो ऐसी नौबत नहीं आती. कई ग्रामीणों का कहना है कि तस्कर लंबे समय से इलाके में सक्रिय हैं और प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है. दीपक की मौत ने इस गुस्से को और भड़का दिया. अब गांव वाले चाहते हैं कि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सख्त सजा मिले.
कुमार अभिषेक / गजेंद्र त्रिपाठी