उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुई सनसनीखेज हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. मामला 27 अगस्त की सुबह का है, जब नवाबगंज क्षेत्र के जंगलों में ई-रिक्शा चालक संगम लाल (50) का शव बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस के पास न गवाह थे, न कोई साफ सुराग और न ही हत्या का कोई साफ कारण नजर आ रहा था.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एसएसपी विनीत जयसवाल ने बताया कि यह केस बेहद चुनौतीपूर्ण था. न तो संपत्ति विवाद, न आपसी रंजिश और न ही कोई वित्तीय मामला सामने आया था. शव सुनसान इलाके में मिला था.
26 अगस्त को मिली थी लाश
पुलिस जांच से पता चला कि संगम लाल पिछली रात (26 अगस्त) को काम के सिलसिले में अयोध्या गए थे और वहीं से अचानक लापता हो गए. परिजनों की शिकायत पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो शव के पास उनकी आधार कार्ड सहित निजी वस्तुएं झाड़ियों में पड़ी मिलीं. न लूटपाट के संकेत थे और न ही दुश्मनी की कोई वजह, जिससे जांच बेहद पेचीदा हो गई थी.
पुलिस ने तीन विशेष टीमें गठित कीं जिनमें नवाबगंज पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और निगरानी इकाइयां शामिल थीं. डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम को भी लगाया गया. अयोध्या रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए.
हत्या की चौंकाने वाली वजह
करीब एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद 22 सितम्बर को पुलिस को बड़ी सफलता मिली. टीमों ने झांसी के बाबीना क्षेत्र से एक नाबालिग (कक्षा 11 का छात्र) को हिरासत में लिया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी छात्र 26 अगस्त को अयोध्या दर्शन के लिए आया था और उसी दौरान वह संगम लाल के रिक्शे में बैठा.
रिक्शा चालक उस पर गंदे काम के लिए दबाव डालने लगा. विरोध करने पर छात्र ने गमछे से उसका गला दबाकर हत्या कर दी और उसका पर्स झाड़ियों में फेंककर फरार हो गया. आरोपी को न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे सुधार गृह भेज दिया गया है. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी को किसी ने उकसाया था या उसने यह कदम अकेले ही उठाया.
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