लखनऊ: नीली बत्ती लगी फॉर्च्यूनर रोकी तो भड़क उठा फर्जी IAS, पीछे हट गए सिपाही! फिर यूं खुली पोल

सौरभ त्रिपाठी नाम का यह फर्जी आईएएस राजधानी लखनऊ की महंगी सोसाइटियों में फ्लैट लेकर रह रहा था. पुलिस ने उसके पास से इनोवा, मर्सिडीज और डिफेंडर जैसी छह महंगी गाड़ियां बरामद की हैं. अब इन गाड़ियों पर लगे सचिवालय पास की वैधता की जांच की जा रही है.

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लखनऊ में पकड़ा गया फर्जी अफसर सौरभ त्रिपाठी (Photo: ITG) लखनऊ में पकड़ा गया फर्जी अफसर सौरभ त्रिपाठी (Photo: ITG)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ ,
  • 04 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST

लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे जलसाज को गिरफ्तार किया है, जो अपने आपको भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर का आईएएस अधिकारी बताकर ठगी कर रहा था. ये जालसाज लग्जरी गाड़ियों का काफिला रखता था और राजधानी की बेशकीमती सोसाइटी में फ्लैट लेकर रह रहा था. इस जालसाज ने हर गाड़ी पर उत्तर प्रदेश सचिवालय/विधानसभा/विधानपरिषद का पास और गाड़ी पर आईएएस अफसर की तरह लाल-नीली बत्ती के फ्लैशर लाइट लगा रखी थी. फिलहाल, पुलिस आरोपी के पास से बरामद हुई इनोवा, मर्सिडीज, डिफेंडर जैसी 6 लग्जरी गाड़ियों के साथ-साथ इन सभी पर लगे सचिवालय पास की जानकारी जुटाने में लग गई है. 

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आपको बता दें कि पुलिस ने बीते बुधवार रात वजीरगंज इलाके में चेकिंग के दौरान एक नीली बत्ती लगी फॉर्च्यूनर लीजेंडर गाड़ी को रोका था. जिसपर उसके अंदर बैठे शख्स ने चेकिंग कर रही पुलिस टीम को अर्दब में लेते हुए बड़े रौबदार ढंग से खुद को भारत सरकार का सीनियर आईएएस बताकर अपना नाम सौरभ त्रिपाठी बताया. आईएएस सुनकर सिपाही-दारोगा पीछे हट गए लेकिन इंस्पेक्टर वजीरगंज परिचय पूछने के बहाने गाड़ी के करीब गए. उन्होंने गाड़ी के अंदर झांका तो अंदर दो लाल/नीली बत्ती रखी थी. इसपर इंस्पेक्टर को शक हुआ कि अफसर है तो गाड़ी के अंदर यह फ्लैशर लाइट क्यों रखी हैं? 

ऐसे में इंस्पेक्टर ने गहराई से सवाल करना शुरू किया तो सौरभ त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश के तमाम सीनियर आईएएस अफसर के नाम बताते हुए पुलिसवालों को अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली. जब पुलिस ने पूछताछ के साथ तलाशी शुरू की तो सौरभ त्रिपाठी के पर्स से आठ बैंक कार्ड मिले जिसमें किसी पर प्रेम कुमार मिश्रा नाम लिखा था तो किसी पर प्रतीक दुबे तो किसी कार्ड पर सौरभ त्रिपाठी. 

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पुलिस ने लग्जरी गाड़ी के नंबर से कागजात ऑनलाइन चेक किया तो गाड़ी किसी जयदीप नामक शख्स के नाम पर रजिस्टर्ड मिली. इसके बाद पुलिस ने गाड़ी में रखे लैपटॉप को खोलकर देखा तो उसमें भारत सरकार की तरफ से जारी की गई एनआईसी की मेल आईडी मिली.  मेल आईडी पर पूछताछ की गई तो पता चला कि सौरभ त्रिपाठी को साल 2022 तक Ministry of Electronics and Info technology की CDAC संस्था के द्वारा एक योजना के अंतर्गत ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर चयनित किया था. वहीं से सौरभ त्रिपाठी की saurabh.t@gov.in मेल id बनी थी, जिसका इस्तेमाल वह अलग-अलग जिलों में तैनात अफसरों को मेल भेजकर लोगों की सिफारिश करता था. 

पुलिस ने फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी से पूछताछ के बाद जब उसके गोमती नगर विस्तार स्थित सोसाइटी पर छापेमारी की तो वहां छह लग्जरी गाड़ियां जिनमें- 3 इनोवा क्रिस्टा, 1 फॉर्च्यूनर लीजेंडर, 1 रेंज रोवर डिफेंडर और 1 मर्सिडीज़ कार बरामद हुई. फिलहाल, पुलिस ने बरामद सभी 6 गाड़ियों को जब्त कर लिया है. उनके कागजात की जांच की जा रही है. इसके साथ ही पुलिस ने गाड़ियों पर मिले सचिवालय पास की भी पड़ताल शुरू कर दी है. 

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