फतेहपुर में अवैध धर्मांतरण का आरोप, चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान पादरी और उसका बेटा गिरफ्तार

फतेहपुर में चर्च की प्रार्थना सभा के दौरान अवैध धर्मांतरण के आरोप में पादरी और उसके बेटे को गिरफ्तार किया गया है. बजरंग दल के विरोध के बाद मामला सामने आया. आरोप है कि हिंदू महिलाओं को पैसे, नौकरी और शिक्षा का लालच दिया गया. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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धर्मपरिवर्तन कराने के आरोप में दो गिरफ्तार (सांकेतिक फोटो)) धर्मपरिवर्तन कराने के आरोप में दो गिरफ्तार (सांकेतिक फोटो))

aajtak.in

  • फतेहपुर,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक चर्च में चल रही प्रार्थना सभा के दौरान अवैध धर्मांतरण की कोशिश के आरोप में पादरी और उसके बेटे को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई रविवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद की गई, जिन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू महिलाओं को पैसे और अन्य प्रलोभनों के जरिए चर्च बुलाया गया था.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 60 साल के पादरी डेविड ग्लैडियन और उनके 30 साल के बेटे अभिषेक ग्लैडियन के रूप में हुई है. गिरफ्तारी के बाद स्थिति कुछ समय के लिए तनावपूर्ण हो गई, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन को घेर लिया. हालांकि, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को सुरक्षित रूप से मौके से हटा लिया.

चर्च में धर्मांतरण का आरोप

जानकारी के मुताबिक, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चर्च के बाहर करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि प्रार्थना सभा के बहाने हिंदू महिलाओं को धर्मांतरण के लिए उकसाया जा रहा था. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उस समय चर्च के अंदर करीब 150 लोग मौजूद थे, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.

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स्थिति बिगड़ने की सूचना मिलने पर क्षेत्राधिकारी वीर सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रित किया. राधा नगर थाने के प्रभारी विनोद कुमार मौर्य ने बताया कि स्थानीय निवासी देव प्रकाश पासवान की शिकायत पर पादरी, उनके बेटे और सात अज्ञात लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पैसे, नौकरी और शिक्षा का लालच

शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्हें रविवार को चर्च बुलाया गया था, जहां प्रार्थना के दौरान हिंदू आस्थाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया. आरोप है कि धर्म बदलने पर 1,100 रुपये, नौकरी और बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का लालच दिया गया. विरोध करने वालों को भी चुप रहने के बदले पैसे की पेशकश की गई.

पुलिस ने बताया कि गांवों में प्रार्थना सभाओं के लिए प्रचार वाहन भी इस्तेमाल किए जा रहे थे. ऐसे ही एक प्रचार वाहन को प्रदर्शन के दौरान जब्त किया गया है, जिससे धार्मिक साहित्य भी बरामद हुआ है. क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने कहा कि चर्च में महिलाओं की मौजूदगी के उद्देश्य की जांच की जा रही है और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
 

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