एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है. इस दौरान यहां कोई कॉल ड्रॉप नहीं होगा और निर्बाध इंटरनेट स्ट्रीमिंग होगी. टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर और महाकुंभ मेला प्रशासन रिकॉर्ड टेलीडेंसिटी (टेली-डेंसिटी किसी क्षेत्र में रहने वाले हर सौ व्यक्तियों के लिए टेलीफोन कनेक्शनों की संख्या है) वाले इस भव्य आयोजन में सुचारू कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर बिछाना, नए टावर और बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) लगाना और सेल ऑन व्हील्स (ट्रांसपोर्टेबल टावर) लगाना, आयोजन के दौरान मेला क्षेत्र में मजबूत और निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए किए गए विभिन्न उपायों में से हैं.
एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (ICCC) के अधिकारियों के अनुसार, आपातकालीन संचार का समर्थन करने और किसी भी संकट की स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मेला क्षेत्र में तीन आपदा प्रबंधन केंद्र स्थापित किए गए हैं. अधिकांशतः सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने लाखों श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए यहां अपनी सेवाओं को बढ़ाया है.
ICCC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "आपातकालीन संचार का समर्थन करने और किसी भी संकट की स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं एयरटेल, बीएसएनएल, जियो और वीआई द्वारा संचालित तीन आपदा प्रबंधन केंद्र मेला क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं."
उन्होंने कहा, "प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं की स्थिति में महत्वपूर्ण संचार चैनल प्रदान करने के लिए इन केंद्रों को नवीनतम तकनीक से लैस किया गया है, जिससे उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके."
दूरसंचार ऑपरेटरों को एक अनूठी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि, लाखों लोग एक ही स्थान पर एकत्र होते हैं और मोबाइल/इंटरनेट/मैसेज आदि सर्विसेज का एकसाथ इस्तेमाल करते हैं.
महाकुंभ नगर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, निर्बाध फोन कनेक्शन होने से बहुत सारी समस्याएं हल हो जाती हैं. भीड़ में अपने प्रियजनों को खोने की चिंता कम हो गई है क्योंकि कोई भी आसानी से फोन पर उनसे संपर्क कर सकता है क्योंकि अब मोबाइल फोन की पहुंच पहले के कुंभों की तुलना में बहुत अधिक है. इसके अलावा डिजिटल भुगतान से नकदी ले जाने की आवश्यकता कम हो जाती है, किसी भी दुर्घटना या अप्रिय घटना के मामले में अधिकारियों को सूचित करना, सब कुछ आसान हो जाता है.
दूरसंचार मंत्रालय ने भी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए उन्नत तकनीक का उपयोग करने और नेटवर्क को अनुकूलित करने का निर्देश दिया था. जिसपर सर्विस प्रोवाइडर ने मोबाइल नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए विशेष तैयारी की और महाकुंभ एरिया में अतिरिक्त टावर लगाने पर सहमति व्यक्त की. साथ ही मेला क्षेत्र के बाहर सरकारी भवनों पर स्थायी टावर भी लगाए गए हैं, जिससे शहर में मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान होगा.
सार्वजनिक सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने के लिए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने मेला क्षेत्र में 53 हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं. वे संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्टिंग और खोए या चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करने जैसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
इसके अलावा, पूरे मेला अवधि के दौरान आपातकालीन अलर्ट, आपदा चेतावनी और आम जनता को जागरूक करने के लिए सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सुविधा और कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (CAP) एकीकृत प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है.
दूरसंचार मंत्रालय के अनुसार, प्रयागराज शहर क्षेत्र में 26 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है, जो दूरसंचार बुनियादी ढांचे की रीढ़ को मजबूत करता है. इसके अलावा, 328 नए टावर या मस्तूल लगाए गए हैं, जो शहरी परिदृश्य में कवरेज को और मजबूत करते हैं.
सभी मोबाइल टेक्नोलॉजी में कुल 575 नए बीटीएस लगाए गए हैं, इसके अलावा 1,462 मौजूदा बीटीएस इकाइयों को अपग्रेड किया गया है, जो मेले के दौरान शहर में मजबूत और निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है.
हाई-स्पीड, विश्वसनीय नेटवर्क कवरेज प्रदान करने के लिए कम से कम 92 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) बिछाई गई है. भारी मांग को पूरा करने के लिए, 78 CoW (ट्रांसपोर्टेबल टावर) और 150 आउटडोर स्मॉल-सेल समाधान तैनात किए जा रहे हैं, जो भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुचारू संचार सुनिश्चित करते हैं.
एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने 287 नई साइटें स्थापित की हैं, 340 से अधिक मौजूदा साइटों को अनुकूलित किया है और मोबाइल कवरेज बढ़ाने के लिए शहर में अतिरिक्त 74 किलोमीटर फाइबर बिछाया है. कुंभ मेला परिसर में, जो कई किलोमीटर तक फैला हुआ है, कंपनी ने 78 सक्रिय सेल ऑन व्हील्स तैनात किए हैं. ये उपाय न केवल मेला परिसर के भीतर बल्कि राजमार्गों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, होटलों और उच्च पैदल यात्रियों वाले क्षेत्रों में भी निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रहे हैं.
आपको बता दें कि महाकुंभ, हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो 13 जनवरी से प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है और 45 दिनों तक जारी रहेगा. अब तक आठ करोड़ से अधिक तीर्थयात्री संगम पर पवित्र डुबकी लगा चुके हैं. बुधवार को मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ और लोगों के डुबकी लगाने की उम्मीद है.
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