गोरखपुर में नकली पनीर फैक्ट्री का भंडाफोड़, दूध की जगह होता था मिल्क पाउडर-डिटर्जेंट का यूज, कभी डेयरी चलाने वाला खालिद निकला मास्टरमाइंड

Gorakhpur Fake Paneer: उत्‍तर पिपराइच कस्बे के पास स्थित बरईपार गांव में खालिद नाम के व्यक्ति ने करीब एक साल पहले डेयरी खोली थी. फिर वह कारीगर की मदद से कुछ दिन बाद ही पनीर बनाने लगा. पनीर को शुद्ध बताकर अगल-बगल के बाजार में भेजने लगा. लोगों का विश्वास जमते ही डेयरी बंद कर दी और पूरी तरह केमिकलयुक्त पनीर बनाने का धंधा शुरू कर दिया. इसके लिए उसने हरियाणा से कारीगर बुलाए थे.

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 नकली पनीर फैक्ट्री में छापा नकली पनीर फैक्ट्री में छापा

गजेंद्र त्रिपाठी

  • गोरखपुर ,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:53 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बड़ी मात्रा में नकली पनीर बरामद हुआ है. खाद्य विभाग ने छापेमारी के दौरान 250 किलोग्राम नकली सिंथेटिक पनीर जब्त किया है. इसे हानिकारक केमिकल और डिटर्जेंट से बनाया जा रहा था. हर महीने इस नकली पनीर को बेचकर लाखों रुपये की कमाई की जा रही थी. फिलहाल, नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्री को सील कर दिया गया है.

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आपको बता दें कि गोरखपुर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने मंगलवार देर शाम जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर उत्‍तर पिपराइच कस्बे के पास स्थित बरईपार गांव में अवैध रूप से चल रही फैक्ट्री पर शिकायत के बाद छापेमारी की कार्रवाई की थी. इस फैक्ट्री को नकली पनीर बरामद होने के बाद 2 मई को भी सील किया गया था. मगर फिर से इसमें गोरखधंधा चलने लगा. 

यहां से गोरखपुर और आसपास के जिलों- महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया के साथ बिहार तक में पनीर की सप्लाई की जा रही थी. फैक्ट्री में हर रोज 50 से 55 क्विंटल नकली सिंथेटिक पनीर तैयार होता था. जिसमें घटिया क्वालिटी के मिल्‍क पाउडर, स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक केमिकल, डिटर्जेंट, व्हाइटनर, गुलाब जल, एसेंस का यूज किया जाता था. 

पहले भी हो चुका है एक्शन 

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गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में फैक्ट्री में छापेमारी की कार्रवाई कर इसे बंद करा दिया गया था. उस समय स्‍थानीय लोगों ने फैक्ट्री से बदबू आने और भारी पैमाने पर नकली पनीर बनाकर बाजार में सप्‍लाई करने की शिकायत की थी. इसके दो-चार दिन बाद ही फैक्ट्री में दिन की बजाय रात में पनीर तैयार किया जाने लगा. हरियाणा के मेवात के नूंह से आए कारीगर यहां पर केमिकलयुक्‍त पनीर तैयार कर रहे थे. देर शाम खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापा मारकर इस धंधे को पकड़ा. इस दौरान 250 किलोग्राम नकली पनीर और 800 लीटर दूध नष्ट कराया गया. यहां से कृत्रिम दूध बनाने के लिए रखे पाउडर व करीब 10 प्रकार के केमिकल को भी जब्त कर सील कराया गया.

डेयरी से नकली पनीर के काम में कूदा खालिद

जानकारी के मुताबिक, बरईपार गांव में खालिद नाम के व्यक्ति ने करीब एक साल पहले डेयरी खोली थी. फिर वह कारीगर की मदद से कुछ दिन बाद ही पनीर बनाने लगा. पनीर को शुद्ध बताकर अगल-बगल के बाजार में भेजने लगा. लोगों का विश्वास जमते ही डेयरी बंद कर दी और पूरी तरह केमिकल से पनीर बनाने का धंधा शुरू कर दिया. इसके लिए उसने हरियाणा के नूंह जिले से कारीगर बुलाए थे.  

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पनीर में नहीं होता था दूध का इस्तेमाल 

शहर से यहां रोजाना करीब चार लाख रुपये का पाउडर और केमिकल पहुंच रहा था. इस अवैध कारखाने में हर रात 50 से 55 क्विंटल पनीर बनता था, लेकिन दूध नहीं आता था. दूध की जगह सस्ती कंपनी के मिल्क पाउडर का इस्तेमाल होता था. इस पाउडर के घोल में फैब्रिक व्हाइटनर, गुलाब जल, इलेक्ट्रोप्लेटिंग पाउडर, सैकरीन आदि मिलाया जाता था. 

दिन में फैक्ट्री बंद, अंधेरा होते ही गोरखधंधा चालू 

शाम होते ही ये लोग दूध व पनीर बनाने का काम शुरू करते थे, आधी रात के बाद तैयार माल कुशीनगर-महराजगंज, देवरिया, गोरखपुर और बिहार के बड़े बाजारों में भेजने का काम होता था. सुबह होते ही कारखाना बंद कर दिया जाता था. टीम जब यहां छापा मारने पहुंची तो पहले तो कारखाना संचालक ने बहानेबाजी शुरू की, इसके बाद कार्रवाई रोकने के लिए बहस करने लगा, लेकिन टीम की सख्ती के आगे उसकी एक नहीं चली. इसी दौरान गांव के लोग भी पहुंच गए. ग्रामीणों ने खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम की मदद करते हुए आगे बढ़कर जांच शुरू कराई. टीम ने वहां से 250 किलोग्राम पनीर, 800 लीटर घटिया क्वालिटी के पाउडर से बना दूध, 10 बोरा मिल्‍क पाउडर, 15 लीटर रिफाइंड, 240 ग्राम के चार डिब्‍बे व्हाइटनर, 1 किलोग्राम सैकरीन, 5 लीटर गुलाब जल, इलेक्ट्रोप्लेटिंग पाउडर आदि बरामद किया है. 

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अधिकारी ने दी ये जानकारी

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन तिवारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव, अंकुर, नागेंद्र, आभा, संतोष, उमाशंकर, विनय, प्रतिभा, आशुतोष, श्रीनिवास, विजयानंद, स्वामीनाथ, कमल नारायण, नरेंद्र ने सैम्पलिंग कर फैक्ट्री को सील कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि एक साल में पनीर के 50 से अधिक नमूनों की जांच हुई है, इसमें अधिकतर में मिलावट की पुष्टि हुई है. पनीर के लगभग हर नमूने की जांच में फैट नहीं मिलता है, जबकि दूध से बने इस उत्पाद में फैट ही बेस होता है. भैंस के दूध से बने शुद्ध पनीर में 40 प्रतिशत से अधिक फैट होता है. गाय-भैंस के मिश्रित दूध में भी 25 प्रतिशत तक फैट होना चाहिए, जबकि जांच में 12-14 प्रतिशत भी फैट नहीं मिलता है. पाउडर से बने कृत्रिम दूध में चिकनाई लाने के लिए धंधेबाज वाशिंग पाउडर और रिफाइंड का इस्तेमाल करते हैं. 

गोरखपुर के सहायक खाद्य आयुक्‍त डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पिपराइच के बरईपारा में सूचना मिलने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई की गई. सूचना मिली थी कि कई तरीके से सिंथेटिक पनीर बनाया जा रहा था. वहां पर जाने पर सूचना सही पाई गई. नमूना लेकर लैब भेजा जा रहा है और आरोपियों के विरुद्ध अन्‍य वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. पूरी फैक्‍ट्री को बंद करा दिया गया है. सारे सामान को सीज कर दिया गया है. आज FIR दर्ज कराई जाएगी. 

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