नकली अंतिम संस्कार और असली साजिश… पुतला जलाकर किसका डेथ सर्टिफिकेट लेना चाहते थे आरोपी?

यूपी में हापुड़ के ब्रजघाट पर बुधवार की शाम ऐसा नजारा दिखा, जिसने लोगों के होश उड़ा दिए. चार युवक कार में एक शव लेकर आए और गंगा किनारे अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे. लेकिन जैसे ही कफन हटाया गया, तो लाश की जगह प्लास्टिक का डमी पुतला था. दरअसल, ये लोग एक जिंदा शख्स का डेथ सर्टिफिकेट लेना चाहते थे. आखिर कौन है वो शख्स..?

Advertisement
कफन में पुतला लपेटकर घाट पर पहुंचे थे युवक. (Photo: Screengrab) कफन में पुतला लपेटकर घाट पर पहुंचे थे युवक. (Photo: Screengrab)

देवेंद्र कुमार शर्मा

  • हापुड़,
  • 28 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट पर बुधवार की शाम एक अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया. चार युवक हरियाणा नंबर की कार में एक शव लेकर गंगा घाट पहुंचे. उनका इरादा था इसे जलाकर अंतिम संस्कार करना. लेकिन जैसे ही कफन हटाया गया, लोगों की आंखों के सामने जो दृश्य आया, उसने सबको हक्का-बक्का कर दिया. शव की जगह एक प्लास्टिक का डमी पुतला रखा हुआ था.

Advertisement

स्थानीय लोगों और गढ़ नगर पालिका के कर्मचारियों को यह सब देखकर संदेह हुआ. वहां मौजूद लोगों ने दो युवकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि बाकी दो मौके से फरार हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, युवक अंतिम संस्कार के धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किए बिना जल्दबाजी में पुतले को जलाने की कोशिश कर रहे थे.

ब्रजघाट के एक प्रत्यक्षदर्शी विशाल ने कहा कि चारों युवक शव के साथ आए थे, लेकिन जैसे ही कफन हटाया गया, सभी के होश उड़ गए. यह किसी धोखाधड़ी या क्राइम की साजिश लग रही थी.

गढ़ की सीओ स्तुति सिंह ने कहा कि हिरासत में लिए गए दोनों युवक दिल्ली के रहने वाले हैं. कमल सोमानी और उसका दोस्त आशीष खुराना मृतक का दिखावा कर पुतले का अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे. जांच में सामने आया कि कमल सोमानी के ऊपर करीब 50 लाख रुपये का कर्ज था और वह इसे चुकता करने के लिए साजिश रच रहा था.

Advertisement

यह भी पढ़ें: चिता की परिक्रमा, भीषण लपटें और शख्स की मौत… नागपुर में अंतिम संस्कार के बीच जो हुआ वो दहला देगा

कमल ने अपने पुराने कर्मचारी अंशुल कुमार का आधार कार्ड और पैन कार्ड अपने पास रख लिया था और बिना अंशुल की जानकारी के उसके नाम पर 50 लाख रुपये का बीमा करा लिया था. अब वह बीमा राशि हड़पने के लिए अंशुल को मृत दिखाने की साजिश रची और पुतला जलाकर उसका डेथ सर्टिफिकेट लेना चाहता था.

सीओ स्तुति सिंह ने कहा कि कमल और आशीष अंशुल का डेथ सर्टिफिकेट पाने के लिए गंगा घाट आए थे और नकली अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे. अंशुल स्वास्थ्य रूप से पूरी तरह ठीक है और प्रयागराज में अपने घर पर रह रहा है. जांच में सामने आया कि कमल सोमानी और आशीष खुराना ने पिछले कुछ महीनों में योजना बनाई थी.

यहां देखें Video

आरोपी युवक अंशुल के नाम पर बीमा पॉलिसी लेकर उसकी किस्त भी भरते रहे. अब मृत दिखाने और डेथ सर्टिफिकेट हासिल करने के मकसद से ये साजिश रची थी. अंशुल के मृत होने का प्रमाण पत्र पा लेने के बाद वह बीमा क्लेम के लिए दावे को फाइल करने वाले थे. नकली शव और पुतले का अंतिम संस्कार इस योजना का अहम हिस्सा था.

Advertisement

स्थानीय लोगों ने देखा तो समय रहते पुलिस को सूचना दी. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो दोनों युवकों ने झूठी कहानी बताने की कोशिश की कि दिल्ली के एक अस्पताल ने उन्हें डमी दे दिया था. लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उन्होंने सारी सच्चाई उगल दी. पुलिस ने मौके से कार बरामद की और दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. इस पूरे मामले की जांच फिलहाल जारी है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement