कभी कानून का रखवाला कहलाने वाला अधिकारी अब खुद जांच के घेरे में है. उत्तर प्रदेश पुलिस के डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर भ्रष्टाचार, वसूली और अवैध संपत्ति बनाने के गंभीर आरोपों के बाद प्रशासन अब उनके पूरे नेटवर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. कानपुर में एक दशक से अधिक समय तक तैनात रहे शुक्ला के ठिकानों और करीबियों की जांच हो सकती है. सूत्रों का दावा है कि एक गोपनीय डायरी के बारे में भी पता चला है, जिसमें कानपुर के उन साथियों के नाम दर्ज हैं जिन्होंने इस '100 करोड़ साम्राज्य' को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी.
क्लाइमेक्स की चाबी
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में अभी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. इसमें कथित तौर पर ऋषिकांत शुक्ला के आर्थिक लेन-देन, जमीन सौदों, फर्जी नामों पर संपत्ति खरीदने और बिल्डरों व अपराधियों से मिलीभगत की जानकारी के बारे में और पता लगाया जा रहा है. जांच एजेंसियां मान रही हैं कि इस केस में कई सफेदपोश चेहरों के नकाब उतरेंगे.
कानपुर में मजबूत नेटवर्क और राजनीतिक-सांठगांठ
ऋषिकांत शुक्ला के नेटवर्क की जड़ें कानपुर में गहराई तक फैली हुई हैं. बताया जा रहा है कि उनके कई मददगार बड़े अफसर और स्थानीय नेता थे, जिन्होंने इस खेल में उनकी ढाल बनकर काम किया. अब जांच एजेंसी इन सभी नामों की परतें खोलने में जुट गई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि शुक्ला के खिलाफ विजिलेंस जांच के साथ-साथ उनके करीबियों की संपत्तियों की भी बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत जांच कराई जाएगी.
वसूली, धमकी और जमीन हड़पने का आरोप
यह पूरा मामला तब सामने आया जब कानपुर निवासी मनोहर शुक्ला ने आरोप लगाया कि डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने उन्हें एनकाउंटर की धमकी देकर करोड़ों की जमीन अपने नाम कर ली. मनोहर ने बताया कि दोनों ने मिलकर एक जमीन खरीदी थी, जो बाद में 60–70 करोड़ रुपये की हो गई. तभी शुक्ला ने उन्हें 7 करोड़ रुपये देकर हिस्सा छोड़ने का प्रस्ताव दिया. लेकिन जब मनोहर पैसे लेने पहुंचे, तो उन्हें सुनसान जगह पर बुलाकर बंदूक दिखाते हुए कहा गया कि कोई पैसा नहीं मिलेगा, ज़्यादा बोले तो मुठभेड़ में मारा जाएगा. मनोहर का कहना है कि उसने डर के बावजूद हिम्मत दिखाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एसआईटी का गठन हुआ और इसी जांच में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ.
मनोहर का पलटवार:मैं अपराधी था तो घर के कार्यक्रमों में क्यों बुलाते थे
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हुए. अपनी सफाई में डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि मनोहर कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का रिश्तेदार है और उसका चरित्र संदिग्ध है. लेकिन मनोहर ने इसका जवाब तस्वीरों और दस्तावेजों के साथ दिया. उन्होंने कई फोटोज जारी कीं, जिनमें वे ऋषिकांत शुक्ला और उनके परिवार के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं . जन्मदिन की पार्टियों से लेकर पारिवारिक आयोजनों तक. मनोहर का दावा है, रॉयल क्लिप होटल में उनके बेटे के जन्मदिन का डेढ़ लाख रुपये का बिल मैंने चुकाया था. अगर मैं अपराधी था, तो वे मुझे हर कार्यक्रम में क्यों बुलाते थे? उनकी पत्नी खुद मुझे कॉल करती थीं. मनोहर ने यह भी खुलासा किया कि उनके पास उस जमीन का रेंट एग्रीमेंट मौजूद है, जिसके जरिए शुक्ला ने उनके साथ सौदा किया था. अगर रिश्ता ही गलत था तो फिर एग्रीमेंट किस आधार पर हुआ ?
शहर में खौफ का साम्राज्य
कानपुर में मनोहर का पलटवार का नाम कभी खौफ का पर्याय माना जाता था. कई बिल्डरों ने ऑफ रिकॉर्ड बताया कि वे वसूली और धमकियों से परेशान होकर शहर छोड़ चुके हैं. मनोहर ने यह भी दावा किया कि शहर में ऐसे दर्जनों लोग हैं, जिन्हें मनोहर का पलटवार ने अपने संपर्क में रहे अपराधियों के ज़रिए डराया और उनसे करोड़ों की जमीनें हड़प लीं. जो विरोध करता, उसे अपराधी घोषित करवा दिया जाता. इस तरह उन्होंने पुलिस की वर्दी के पीछे से सत्ता और डर का एक समानांतर साम्राज्य खड़ा किया.
निलंबन और जांच की औपचारिक शुरुआत
100 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्तियों के खुलासे के बाद शासन ने तुरंत डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला को निलंबित कर उनके खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू कर दी है. संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने पुष्टि की कि मामला गंभीर है और जांच के लिए सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. गृह विभाग के सचिव जगदीश ने प्रमुख सचिव (सतर्कता) को पत्र लिखकर मामले की व्यापक जांच के आदेश दिए हैं. जांच रिपोर्ट को डीजीपी मुख्यालय भेजा गया है ताकि विभागीय कार्रवाई आगे बढ़ सके.
100 करोड़ वाला डीएसपी बना चर्चा
कभी थानों और सर्किलों में सख्त अधिकारी माने जाने वाले ऋषिकांत शुक्ला अब ‘100 करोड़ वाले डीएसपी’ के नाम से चर्चाओं में हैं. उनके खिलाफ जांच के बाद से पुलिस महकमे में हलचल मच गई है. कई अधिकारी जो पहले उनके करीब माने जाते थे, अब दूरी बना रहे हैं.
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