आतंकी कनेक्शन मामले में गिरफ्तार लखनऊ निवासी डॉ. शाहीन के मोहल्ले में चर्चा है कि उसने लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की थी. इसके चलते कॉलेज परिसर में पूरे दिन छात्राओं और शिक्षिकाओं के बीच शाहीन की ही चर्चा रही. शाहीन ने इसी कॉलेज से पढ़ाई की थी या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए विद्यालय में पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं. वहीं, शाहीन के भाई परवेज को लेकर भी नई जानकारी सामने आई है.
प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड के अनुसार, शाहीन ने वहीं से एमबीबीएस किया. वहां पर शाहीन के लालबाग गर्ल्स कॉलेज से 12वीं उत्तीर्ण करने की जानकारी दर्ज है.
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खंदारी बाजार मोहल्ले के लोगों के मुताबिक, शाहीन के घर से महज 50 मीटर दूर पर लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज है. अनुमान है कि घर से करीब होने की वजह से शाहीन ने 1995 से 1997 के बीच यहीं से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ली थी. कॉलेज के एक कर्मचारी ने बताया कि विद्यालय में उपलब्धियों का बोर्ड लगा है. इसमें हर वर्ष की मेधावी छात्राओं के नाम अंकित हैं, लेकिन शाहीन का नाम नहीं है.
इस मामले को लेकर लालबाग गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल निशा श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक यहां पर कोई भी जांच सुरक्षा एजेंसी नहीं पहुंची है. अगर यहां पर कोई टीम पहुंचती है तो उनका पूरी तरह से सहयोग किया जाएगा. उन्होंने यह जरूर बताया कि डॉक्टर शाहीन ने 1996 में यहां से 12वीं की शिक्षा हासिल की थी. लेकिन अभी इसकी कोई उन्हें सही जानकारी नहीं है, क्योंकि यहां पर जो सभी पुराने टीचर थे वह रिटायर हो चुके हैं. जो बाबू है वह भी रिटायर हो चुके हैं. कॉलेज की जिम्मेदारी उन्हें 3 साल पहले ही मिली है.
जब मौलवी से भी भिड़ गया था परवेज
वहीं, शाहीन के भाई डॉक्टर परवेज अंसारी को लेकर नई जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि एक बार डॉ. परवेज नमाज के दौरान मौलवी से ही भिड़ गया था. उसने मौलवी पर मोबाइल में देखकर गलत नमाज पढ़ाने का आरोप लगाया था. अन्य नमाजियों को उकसाया था.
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सूत्रों के मुताबिक, शाहीन का भाई परवेज अंसारी पूरी तरह से ब्रेन वॉश हो चुका था. घर के पास बनी एक मस्जिद में वह नमाज के लिए जाता था. इस दौरान परवेज मौलवी से भी भिड़ बैठा था. अक्सर लोगों को उकसाता था. 'आज तक' ने इस पूरे मामले की पड़ताल की और उस मस्जिद पहुंची. मस्जिद का नाम नुसरत पुरानी मस्जिद है.
मौलवी हाफिज शरफुद्दीन ने बताया कि परवेज कभी कभार नमाज अदा करने यहां आता था. नाम तो उसका तब जान पाए जब खबरों में आया. वह अपने में रहता था. काफी दिन से फाजिल की नमाज में भी नहीं आ रहा था, जबसे उसने आपत्ति जताई थी, लड़ाई की थी. फिलहाल, मौलाना ने कहा कि इस्लाम कभी आतंकवाद नहीं सिखाता. जिहाद नहीं सिखाता. यह सब भटके हुए लोग हैं. पुलिस अपना काम करे, जांच करे, और दोषी को सजा दे.
समर्थ श्रीवास्तव