उत्तर प्रदेश में लखनऊ के सरोजनीनगर में रहने वाले 60 साल के रिटायर्ड डाककर्मी दिवाकर प्रकाश जायसवाल को साइबर ठग ने अपना शिकार बनाया है. दरअसल, 13 जुलाई को दोपहर 12 बजे उनके पास अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को एटीएस अधिकारी बताया.
ठग ने दिवाकर को बताया कि वह आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. दिवाकर घबरा गए और ठग से मिन्नत करने लगे. तब ठग ने कहा कि उनसे पूछताछ की जाएगी और जेल नहीं जाना पड़ेगा.
पूछताछ के बहाने दिवाकर को दो घंटे तक वीडियो कॉल पर 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा गया. इस दौरान ठग ने लगातार दबाव और मानसिक प्रताड़ना दी, जिससे दिवाकर टूट गए. ठग ने कहा कि गिरफ्तारी से बचना है तो ₹5 लाख देने होंगे. दिवाकर ने डर के कारण ठग के खाते में कई बार में ₹5 लाख ट्रांसफर कर दिए.रकम मिलने के बाद ठग ने कॉल काट दी और संपर्क तोड़ दिया.
कुछ देर बाद जब दिवाकर ने परिचितों से बात की तो उन्हें समझ में आया कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं. जेसीपी क्राइम अमित वर्मा के अनुसार, कॉल करने वाले नंबर और बैंक खाते की जानकारी साइबर सेल से खंगाली जा रही है.
आशीष श्रीवास्तव