'अल्लाह के अलावा किसी की इबादत नहीं, हम पर जबरदस्ती न हो', वंदे मातरम पर बोले- देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी

वंदे मातरम के विरोध को लेकर देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी की इबादत नहीं की जाती और गीत के कुछ श्लोक देवी-देवताओं की पूजा से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई वंदे मातरम पढ़ना चाहता है तो पढ़े, लेकिन इसे मुसलमानों पर जबरदस्ती नहीं थोपा जाए.

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 उलेमा मुफ्ती असद कासमी (Photo: Screengrab) उलेमा मुफ्ती असद कासमी (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • देवबंद,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST

वंदे मातरम को लेकर देवबंदी उलेमा का एक बड़ा बयान सामने आया है. देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने साफ शब्दों में कहा कि मुसलमानों पर वंदे मातरम पढ़ने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए. उनका कहना है कि भारत का संविधान हर नागरिक को धार्मिक आजादी देता है, इसलिए किसी धार्मिक भावना के खिलाफ कोई चीज थोपना ठीक नहीं है.

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मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि उन्हें वंदे मातरम से कोई निजी आपत्ति नहीं है. अगर कोई व्यक्ति इसे पढ़ना चाहता है, तो उसे पूरी आजादी है. लेकिन इस गीत के कुछ श्लोकों में देवी-देवताओं की पूजा और अर्चना का जिक्र आता है, जो मुस्लिम आस्था के अनुसार स्वीकार्य नहीं. उनका कहना है कि इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी अन्य की इबादत करना शिर्क माना जाता है, जो एक बड़ा गुनाह है.

वंदे मातरम जबरदस्ती न थोपा जाए

साथ ही उन्होंने कहा कि इसी वजह से कई बड़े उलेमा और संस्थाएं वंदे मातरम के कुछ हिस्सों का विरोध कर रही हैं. यह विरोध किसी देशद्रोह या नफरत की वजह से नहीं, बल्कि धार्मिक मान्यताओं के कारण है. उन्होंने दोहराया कि मुसलमान इस देश से मोहब्बत करते हैं और संविधान का सम्मान करते हैं, क्योंकि यही संविधान उन्हें अपने धर्म पर अमल करने की आजादी देता है.

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मुफ्ती कासमी ने सरकार से अपील की कि वंदे मातरम को मुसलमानों पर अनिवार्य न किया जाए. उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से इसे पढ़ना चाहता है, तो उसे रोकने का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन किसी पर दबाव डालना संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता दोनों के खिलाफ है.

मुसलमान  संविधान का सम्मान करते हैं

इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत विविधता वाला देश है और इसी विविधता को सम्मान देना ही असली ताकत है. इसलिए जरूरी है कि किसी भी धार्मिक मान्यता को नजरअंदाज कर किसी पर कोई चीज जबरन न थोपी जाए.

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रिपोर्ट- पिंटू शर्मा

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