UP : आरिफ के बाद अफरोज... सारस से दोस्ती और फिर बिछड़ने की कहानी

सुल्तानपुर के रहने वाले अफरोज के घर भी सारस पला हुआ था. मछली फार्म पर सारस अफरोज को मिला था. वह उड़ नहीं सकता था को अफरोज उसे घर से आया था. जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने सारस को कब्जे में लिया है. अब अफरोज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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अफरोज और सारस. अफरोज और सारस.

महेश शर्मा

  • सुल्तानपुर,
  • 29 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

अमेठी में आरिफ के बाद अब सुल्तानपुर के अफरोज को सारस पालना महंगा पड़ गया. मंगलवार की रात अफरोज के घर पहुंची वन विभाग की टीम ने सारस को कब्जे में लिया और उसे लेकर चली गई. वहीं सारस को ले जाने के बाद अफरोज बेहद निराश है.

दरअसल, बीते दिनों अमेठी के रहने वाले आरिफ और उसके दोस्त सारस की जुदाई की कहानी अभी ठंडी भी नही पड़ी थी कि सुल्तानपुर का अफरोज भी सारस से दोस्ती के कारण सुर्खियों में आ गया. सोशल मीडिया पर खबरें चली तो मंगलवार रात सुल्तानपुर के देहात कोतवाली के छतौना गांव के रहने वाले अफरोज के घर वन विभाग की टीम पहुंच गई और उसे साथ लेकर चली गई.

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हो गई गहरी दोस्ती, नाम रखा स्वीटी : अफरोज

वहीं, सारस को ले जाने से अफरोज भी बेहद निराश है. अफरोज की मानें तो करीब 6 महीने पहले उसे ये सारस चांदा के पास मिला था. मछली फार्म के पास सारस को देखा था. उसे लगा कि जानवर इसे घायल न कर दें इसलिए वह सारस को घर लेकर आ गया था. कुछ ही दिनों में सारस उससे घुल-मिल गया. घर के लोग भी सारस को प्यार करने लगे थे. उसका नाम स्वीटी रखा गया था. सारस उसके साथ ही खाता-पीता था.

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अफरोज के घर पला था सारस.

सारस को नहीं पहुंचेगा नुकसान : अफरोज

अफरोज का कहना है कि वह सारस को अपने पास रखने के लिए कागजी कार्रवाई के लिए भी तैयार है. उसका कहना है कि यहां पर सारस को किसी भी हाल में नुकसान नही पहुंचेगा. अफरोज ने साफ कहा कि उसे राजनीति से दूर रखा जाए और उसकी स्वीटी यानि सारस को उसके सुपुर्द कर दिया जाय. अफरोज के मुताबिक, सारस अभी बच्चा है, वह उड़ना नहीं जानता है. जब उड़ना सीख जाएगा तो ये सभी उसे खुद ही छोड़ देंगे. 

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यह है अधिकारियों का कहना

अफरोज वाले मामले पर सुल्तानपुर वन अधिकारी आर के त्रिपाठी का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें अफरोज के पास सारस होने की जानकारी मिली थी. लिहाजा टीम भेज कर पता करवाया गया तो सूचना सही पाई गई. हमने सारस को कब्जे में ले लिया है. वन्य जीव अधिनियम 72 के तहत राज्य पक्षी को बिना परमिशन के पाला नहीं जा सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल राजकीय पक्षी के पालने के आरोप में अफरोज पर सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जा रही है. सारस को वन विभाग कार्यालय में रखा गया है. वह पूरी तरह से स्वस्थ है. आला-अधिकारियों को सूचना दी गई है. उनके आदेश के बाद सारस को किसी जू में छोड़ दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी को राजकीय पक्षी मिलता है तो उसे पाले नहीं, बल्कि वन विभाग को सूचित करें.

 

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