उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में भरवारी कस्बे की एक महिला की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बड़ा कदम उठाया गया है. कोखराज थाना पुलिस ने भरवारी के तीन पूर्व चेयरमैन, सपा नेता और बीजेपी के पूर्व विधायक चायल संजय गुप्ता समेत सात लोगों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. मामला पीड़िता के मकान पर जबरन कब्जा कराने और फर्जी कागजातों के आधार पर खसरा रजिस्टर में नाम चढ़ाने से जुड़ा है.
भरवारी की रहने वाली महिला राजदुलारी ने मुख्यमंत्री जनता दर्शन में पहुंचकर आरोप लगाया था कि पति की मृत्यु के बाद उसके मकान पर कब्जा करने के लिए पूर्व चेयरमैन कैलाश चंद्र केसरवानी, उनकी पत्नी सुनीता केसरवानी, पूर्व विधायक संजय गुप्ता और उनके साथियों ने नगर पालिका में गलत तरीके से नाम दर्ज कराया. महिला का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते नगर पालिका के अधिकारियों ने भी उसकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की और RTI का जवाब तक नहीं दिया.
गरीब विधवा महिला के मकान पर कब्जा
राजदुलारी ने बताया कि उसके पति उमाशंकर ने 1970 में नीलामी के माध्यम से जमीन खरीदी थी और उस पर तीन मंजिला मकान बनवाया था. यह मकान कभी बेचा नहीं गया. आरोप है कि पति की मृत्यु के बाद विपक्षी पक्ष ने फर्जी कागजात बनवाए और उमाशंकर की मौत तीस साल पहले की दिखाकर मकान पर अपना नाम दर्ज करा लिया. विरोध करने पर महिला और उसके बच्चों के साथ मारपीट भी हुई.
सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपियों कैलाश चंद्र केसरवानी, सुनीता केसरवानी, संजय गुप्ता चायल, दिलीप, अजय, विजय और संजय के खिलाफ BNS की धारा 318(4), 337, 338, 329(4), 336(3), 340(2), 115(2), 351(2)3(5) के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है.
अखिलेश कुमार