उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में डॉक्टर आर.के. विश्वास के 31 वर्षीय बेटे प्रतीश उर्फ पिंटू की जघन्य हत्या कर दी गई. यह वारदात 19 दिसंबर की रात को तब अंजाम दी गई जब प्रतीश घर में अकेला था. हत्या का आरोप डॉक्टर के क्लिनिक पर काम करने वाले दो कंपाउंडरों पर लगा है.
आरोपियों ने प्रतीश पर कैंची से वार किए, उसे एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया और फिर शव को पत्थर व बजरी से बांधकर घर के पीछे तालाब में फेंक दिया. पुलिस ने खुलासा किया है कि यह हत्या एक आपत्तिजनक वीडियो और नौकरी से निकाले जाने की पुरानी रंजिश के कारण की गई. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
कैंची से वार और एनेस्थीसिया का डोज
फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र में वारदात वाली रात डॉक्टर आर.के. विश्वास अपने बड़े बेटे के साथ पश्चिम बंगाल गए हुए थे. इसी सूनेपन का फायदा उठाकर दोनों आरोपी कंपाउंडर घर में दाखिल हुए. उन्होंने सोते हुए प्रतीश के हाथ-पैर और पेट पर कैंची से कई बार हमला किया. दर्द से कराह रहे प्रतीश को पूरी तरह शांत करने के लिए आरोपियों ने उसे एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया. जब प्रतीश की मौत हो गई, तो आरोपियों ने उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए एक खौफनाक योजना तैयार की.
तालाब में ईंटों से बांधकर डुबोया शव
हत्या को छुपाने के लिए आरोपियों ने प्रतीश के हाथ-पैर में भारी ईंटें बांधीं और उसके पेट पर बजरी से भरी एक बोरी लपेट दी. उनका मकसद था कि शव कभी पानी के ऊपर न आए. 20 दिसंबर को जब परिवार वापस लौटा, तो प्रतीश गायब मिला. काफी तलाश के बाद 22 दिसंबर को जब पिता ने छत से झांका, तो उन्हें तालाब में बेटे की लाश तैरती हुई दिखाई दी. इस दृश्य ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया और पुलिस जांच शुरू हुई.
बदले की आग और अश्लील वीडियो का राज
एसपी ग्रामीण हृदेश कठेरिया ने बताया कि हत्या के पीछे गहरी व्यक्तिगत रंजिश थी. जांच में पता चला कि प्रतीश के पास एक आरोपी की मां का आपत्तिजनक वीडियो था, जिसे दिखाकर वह उसे लगातार ब्लैकमेल और अपमानित करता था. वहीं दूसरा आरोपी करीब छह महीने पहले चोरी के आरोप में पिटाई के बाद क्लिनिक से निकाला गया था. इन दोनों ने मिलकर प्रतीश को खत्म करने की साजिश रची और अपने ही मालिक के बेटे को मौत के घाट उतार दिया.
40 साल की मेहनत और बिखरा परिवार
डॉक्टर विश्वास सिलीगुड़ी से आकर 40 साल पहले बदायूं में बसे थे. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके अपने ही कर्मचारी उनके बेटे के कातिल बन जाएंगे. मृतक का भाई सिंटू, जो दिल्ली में डॉक्टर है, इस घटना से सदमे में है. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई कैंची, इंजेक्शन और अन्य सामान बरामद कर लिया है. पकड़े गए दोनों कंपाउंडरों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है.
अंकुर चतुर्वेदी