काली डायरी और 'कौम खतरे में' का कोड... लखनऊ में ‘मुजाहिदीन आर्मी’ पर बड़ा खुलासा, शरिया शासन लागू करने की साजिश

यूपी एटीएस ने लखनऊ से आतंकी संगठन 'मुजाहिदीन आर्मी' के मास्टरमाइंड मोहम्मद रजा को गिरफ्तार किया है. रजा की काली डायरी में शरिया शासन लागू करने की आतंकी साजिश का ब्लूप्रिंट मिला है. डायरी में 13 टीमें बनाने और "कौम खतरे में" तथा "जिहाद की तैयारी" जैसे कोडवर्ड लिखे थे.

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यूपी एटीएस का  'मुजाहिदीन आर्मी' पर बड़ा खुलासा (representational photo) यूपी एटीएस का 'मुजाहिदीन आर्मी' पर बड़ा खुलासा (representational photo)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ ,
  • 07 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST

उत्तर प्रदेश एटीएस ने आतंकी संगठन 'मुजाहिदीन आर्मी' का भंडाफोड़ किया है. इस संगठन के मास्टरमाइंड मोहम्मद रजा को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. रजा के पास से बरामद हुई काली डायरी में शरिया कानून पर आधारित बड़े आतंकी हमलों की साजिश का पूरा ब्लूप्रिंट मिला है. जांच एजेंसियों को शक है कि वह युवाओं को जिहाद के लिए भड़का रहा था. 

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काली डायरी में 'कौम खतरे में' का कोड

आपको बता दें कि यूपी एटीएस ने मोहम्मद रजा को गिरफ्तार कर आतंकी साजिश का खुलासा किया है. रजा के पास से एक काली डायरी मिली है, जिसमें कई कोडवर्ड लिखे गए हैं. इस डायरी में 13 टीमें बनाने और उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपने का जिक्र है. डायरी के सातवें पन्ने पर "कौम खतरे में" और 14वें पन्ने पर उर्दू में "जिहाद की तैयारी" लिखा मिला. 

शरिया कानून लागू करने का ब्लू प्रिंट

जांच में सामने आया कि इस समूह के पीछे शरिया कानून लागू करने सहित अन्य आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना मकसद था. डायरी में शरिया शासन लागू करने की साजिश का पूरा ब्लू प्रिंट दर्ज था. हर टीम को नंबर से दर्शाया गया था और हिंदू धर्म गुरुओं को "काफिर" का कोड दिया गया था. एजेंसियों को शक है कि रजा धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने की साजिश कर रहा था. 

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व्हाट्सएप पर होता था कोडवर्ड का इस्तेमाल

मोहम्मद रजा फतेहपुर का रहने वाला है और केरल में रहते हुए कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ गया था. उसके मोबाइल से कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है. व्हाट्सएप ग्रुप पर भी इन्हीं कोडवर्ड्स का इस्तेमाल होता था. जैसे, मुलाकात की जगह को "लाइब्रेरी" और हथियार जुटाने को "दावत" का कोड दिया गया था. एटीएस का मानना ​​है कि रज़ा का नेटवर्क यूपी से लेकर केरल तक फैला हुआ है. 

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