मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को पुलिस ने भेजा जेल, 40 अरेस्ट, 2000 पर FIR... बरेली बवाल पर बड़ा एक्शन

बरेली की अल हजरत दरगाह के आसपास मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग शुक्रवार को 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लेकर उतरे. देखते ही देखते यह विरोध प्रदर्शन हिंसक टकराव में बदल गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

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बरेली हिंसा मामले में पुलिस के पास 200 से ज्यादा CCTV फुटेज हैं (Photo: PTI) बरेली हिंसा मामले में पुलिस के पास 200 से ज्यादा CCTV फुटेज हैं (Photo: PTI)

संतोष शर्मा

  • बरेली,
  • 27 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST

यूपी के बरेली में हुई हिंसा के मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. एक दिन पहले यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भारी बवाल हुआ था. बरेली की अल हजरत दरगाह के आसपास मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लेकर उतरे. देखते ही देखते यह विरोध प्रदर्शन हिंसक टकराव में बदल गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

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पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को जेल भेजा गया है. हिंसा के मामले में लगातार FIR दर्ज हो रही हैं.

बरेली के एसएसपी ने बताया कि हिंसा के मामले में कुल 10 FIR दर्ज की गईं, जिनमें से कोतवाली थाने में 5, बरादली में 2, प्रेमनगर में 1 और कैंट में 1 FIR दर्ज है. पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल 39 लोगों को हिरासत में लिया है. मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ कुल 7 FIR दर्ज हैं. बरेली हिंसा में कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 

क्या था मामला?

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खान ने 'आई लव मोहम्मद' अभियान के समर्थन में प्रदर्शन का ऐलान किया था. लेकिन प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण उन्होंने प्रदर्शन को ऐन मौके पर टाल दिया. लोगों को जब प्रदर्शन रद्द होने की खबर मिली तो वे नाराज हो गए. साथ ही मस्जिद के पास और रजा के घर के बाहर इकट्ठा हो गए. उन्होंने प्रदर्शन के स्थगन पर नाराज़गी जताई. 

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मौलाना तौकीर रजा (File Photo: PTI)


अफवाहों पर ध्यान न देंः बरेली डीएम

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि पुलिस ने मौके पर सख्त कार्रवाई की और स्थिति पूरी तरह नियंत्रित कर ली गई है. उन्होंने जनता से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक बयान जारी कर कहा कि बरेली हिंसा एक साजिश के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य पश्चिमी यूपी में उद्योग और निवेश को प्रभावित करना था.

वीडियो और तस्वीरों से होगी पहचान

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नमाज से पहले धार्मिक नेताओं के साथ संपर्क में थे और अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण रही, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने पत्थर फेंके और वाहनों तथा दुकानों को नुकसान पहुंचाया. डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि इस घटना में शामिल लोगों की पहचान वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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