उत्तर प्रदेश के बांदा में पुलिस ने दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन ठगी के जाल में लोगों को फंसाते थे. आरोपियों ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर सामानों के दाम घटा-घटाकर प्रचार किया और गूगल से फोटो निकाल कर ग्राहकों को भेजा. इसके बाद AI सिस्टम से बिल जेनरेट कर पैसा ऐंठा जाता था.
शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की और कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले अनिल कुमार और चंद्रकिशोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इनके कब्जे से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, सिम कार्ड, एटीएम, पैन कार्ड, लैपटॉप और अन्य सामान बरामद हुआ.
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ऑनलाइन ठगी की तकनीक और चालाकी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी आधार और पैन कार्ड के जरिए ऑनलाइन समान बेचने का झांसा देकर लोगों से ठगी करते थे. उन्होंने बताया कि आईफोन जैसी महंगी चीजों को सस्ते दाम में बेचने का झांसा देकर ग्राहक फंस जाते थे. उदाहरण के तौर पर 60 हजार रुपये का आईफोन 6 हजार में बेचने का प्रचार किया जाता था. इसके अलावा ड्राई फ्रूट और अंडे की कीमतें बढ़ाकर फर्जी बिक्री दिखाई जाती और ट्रैकिंग में फर्जी कहानी बना कर पैसा ठग लिया जाता.
फर्जी बिल और दस्तावेजों का इस्तेमाल
अभियुक्तों ने बताया कि ग्राहक से पेमेंट लेने के बाद AI सिस्टम से बिल तैयार कर भेजा जाता था. फिर रास्ते में RTO के द्वारा ट्रक पकड़े जाने की फर्जी बात बताकर अतिरिक्त पैसे मांग लिए जाते और इसके बाद व्हाट्सएप और सिम बंद कर दिए जाते. इस तरह से कई लोग इनके जाल में फंसे और लाखों रुपये की ठगी हुई.
पुलिस ने दी कार्रवाई की जानकारी
ASP मेविस टॉक ने बताया कि मामले में दोनों आरोपियों को जेल भेज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई CM योगी के निर्देशानुसार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई. पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी ऑनलाइन ठगी की सूचना तुरंत देने की अपील की है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बांदा जिले में साइबर ठगी के मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
सिद्धार्थ गुप्ता