उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में चल रहे धर्मांतरण के बड़े खेल में अब नया खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियों का कहना है कि छांगुर उर्फ जमालुद्दीन, नीतू उर्फ नसरीन और नवीन सिर्फ मोहरे हैं. असली साजिशकर्ता सादुल्लानगर क्षेत्र से जुड़ा है, जिसे लंबे समय से धर्मांतरण के लिहाज से बेहद संवेदनशील बताया गया है. हाल ही में शासन को भेजी रिपोर्ट में भी इस क्षेत्र की स्थिति को गंभीर बताते हुए सतर्कता बढ़ाने की सिफारिश की गई है.
जांच रिपोर्ट दबा दी गई
पूर्व जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने 12 जून से 28 जून 2024 के कार्यकाल में इस नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने पुलिस और धर्मांतरण कराने वालों के गठजोड़ को उजागर करते हुए कार्रवाई की संस्तुति की थी. लेकिन जांच रिपोर्ट दबा दी गई और उनका तबादला कर दिया गया. इस रिपोर्ट का असर तत्कालीन एसपी पर भी पड़ा जिन्हें हटाकर कुछ समय के लिए साइडलाइन कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश के 7 जिलों पर एजेंसी की रिपोर्ट
जांच में सामने आया है कि धर्मांतरण का मुख्य साजिशकर्ता सिर्फ बलरामपुर तक सीमित नहीं है. इसके तार दुबई, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान तक फैले हैं. यही नेटवर्क नेपाल में भी सक्रिय रहा है और वहां भी धर्मांतरण की कई गतिविधियों में शामिल रहा. इस पूरे मामले को समझने के लिए नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के 7 जिलों की स्थिति को जांच एजेंसियां खंगाल रही हैं.
थाना प्रभारी पर लगे थे गंभीर आरोप
साल 2024 में सादुल्लानगर के तत्कालीन थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगे थे. पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ की शिकायत सीधे अपर मुख्य सचिव गृह एवं मुख्यमंत्री से की गई थी. 18 जून 2024 को भेजे गए पत्र में पूरे नेटवर्क की जानकारी दी गई थी. इसके बावजूद कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई.
आशीष श्रीवास्तव