Azamgarh: छात्रा की मौत के बाद प्रिंसिपल-टीचर की गिरफ्तारी का विरोध, प्रदेश में आज बंद रहेंगे प्राइवेट स्कूल

आजमगढ़ के एक स्कूल में छात्रा की संदिग्ध मौत का मामला गरमाया हुआ है. छात्रा के परिजनों स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. दूसरी ओर प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल लामबंद हो गए हैं. ऐलान किया गया है कि मंगलवारको प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे.

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सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.

शिल्पी सेन

  • आजमगढ़ ,
  • 07 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

यूपी में आजमगढ़ के एक स्कूल में छात्रा की संदिग्ध मौत का मामला गरमाया हुआ है. एक ओर छात्रा के परिजनों स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. दूसरी ओर इस मामले में प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल लामबंद हो गए हैं. इसी क्रम में ऐलान किया गया है कि मंगलवार (8 अगस्त) को प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे. इसके साथ ही अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने एक लेटर भी जारी किया है.

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दरअसल, कथित तौर पर जिले के प्राइवेट स्कूल की छत से गिरने से में छात्रा की मौत हो गई थी. इस संदिग्ध मौत के बाद स्कूल की प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार किया गया था. सोमवार को कोर्ट से दोनों को जमानत नहीं मिली. प्रिंसिपल और क्लास टीचर की गिरफ्तारी के चलते कई प्राइवेट स्कूल प्रिंसिपल और क्लास टीचर के पक्ष में आ गए हैं.

बच्चों को 9 अगस्त को स्कूल न भेजें- छात्रा के अभिभावक

इसके लिए मंगलवार को प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल बंद करने का ऐलान किया गया है. उधर, छात्रा के परिजनों ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को 9 अगस्त को स्कूल न भेजें. साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन, प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ प्रदर्शन में उनके साथ खड़े हों. छात्रा के परिजनों का कहना है कि आज को उनकी बेटी के साथ हुआ है वो किसी के साथ भी हो सकता है.

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वर्जित सामग्री मिलने पर क्या करना चाहिए- यूपीएसए

इस मामले में यूपीएसए (अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन) ने एक लेटर जारी कर कई सवाल उठाए हैं. इसमें कहा कि विद्यालय में छात्रों के लिए कौन सी वस्तु प्रतिबंधित कर देनी चाहिए. विद्यालय को जांच, तलाशी करने का अधिकार है या नहीं. अगर कोई वर्जित सामग्री पाई जाती है और अभिभावकों को सूचित करने पर अभिभावक नहीं आते हैं या देर से आते हैं तो क्या करना चाहिए.

यूपीएसए ने सवाल किया, अनुशासन बनाए रखने के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाए, या बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए. किसी भी विद्यालय में जब इस प्रकार की घटना होती हो उसका सबसे ज्यादा दुख विद्यालय या विद्यालय संचालन से जुड़े लोगों का होता है. टीचर बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करते हैं.

 

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