बरौनी-बांद्रा अवध एक्सप्रेस ट्रेन में मां की लापरवाही से मासूम की जान पर बन आई. एसी कोच नंबर C6 में एक महिला अपनी मासूम बेटी को लेकर सफर कर रही थी. शौच आने पर उसने 4 साल की बेटी को कोच की टॉयलेट में ले जाकर बैठा दिया. तभी किसी रिश्तेदार का कॉल आ गया और मां बाहर खड़ी होकर बात करने में मशगूल हो गई.
चलती ट्रेन में बच्ची टॉयलेट कर रही थी, तभी अचानक झटका लगने पर बच्ची का पैर टॉयलेट सीट के होल में जा फंसा. बच्ची दर्द से चीखने चिल्लाने लगी. रोने-चिल्लाने की आवाज सुनकर मां ने टॉयलेट का गेट खोला. ट्रेन में मौजूद अन्य यात्री भी बच्ची की मदद के लिए पहुंच गए. किसी यात्री ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर घटना की सूचना दी. घटना की सूचना मिलते ही रेलवे स्टाफ मौके पर आ गया और उन्होंने तुरंत टेक्निकल स्टाफ को कॉल कर लिया. उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में यह पूरी घटना हुई.
बच्ची दर्द से बिलखती रही
बताया जा रहा है कि बिहार के सीतामढ़ी जिला निवासी मोहम्मद अली अपनी पत्नी फातिमा और बच्चों के साथ अवध एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे थे. इसी दौरान फातिमा की थोड़ी-सी अनदेखी के कारण बच्ची की जान पर बन आई. मां फोन पर बात करने में व्यस्त हो गई और बच्ची का टॉयलेट सीट के होल में पैर फंस गया. करीब डेढ़ घंटे तक बच्ची फंसी रही और ट्रेन स्टेशन पर रुकी रही. टॉयलेट सीट के होल से पैर निकलने तक बच्ची दर्द से बिलखती रही.
टेक्निकल स्टाफ ने बाहर से खोला टॉयलेट बॉक्स
ट्रेन फतेहपुर सीकरी पहुंची तो रेलवे स्टाफ को जानकारी दी गई. मौके पर रेलवे का टेक्निकल स्टाफ मौके पर पहुंचा. टेक्निकल स्टाफ ने टॉयलेट बॉक्स को खोलकर बच्ची का पैर बाहर निकाला गया. देखें Video:-
चोटिल हो गया था पैर
पैर टॉयलेट सीट के होल में फंस जाने के कारण चोटिल हो गया था. बाहर निकालने के बाद रेल विभाग ने बच्ची के पैर की मलहम पट्टी की. तब कहीं जाकर बच्ची ने राहत की सांस ली. बच्ची की जान में जान आई.
बच्ची की हालत खतरे से बाहर
डीसीएम उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि घटना 15 अगस्त की है. बच्ची की हालत खतरे से बाहर है. पैर टॉयलेट सीट के होल से निकलने के बाद बच्ची को प्राथमिक उपचार दे दिया गया था. बच्ची पूरी तरीके से स्वस्थ है.
अरविंद शर्मा