'अफगानिस्तान से कोई आतंकी भारत नहीं आएगा', अफगानी विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद बोले मौलाना अरशद मदनी

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात के बाद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते केवल धार्मिक या शैक्षणिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं, दोनों देशों ने विदेशी ताकतों से आज़ादी के लिए संघर्ष किया है. साथ ही कहा कि हमारी बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा शामिल नहीं था, बल्कि आपसी संबंध मजबूत करने पर जोर दिया गया.

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मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते भाईचारे पर आधारित हैं (Photo: PTI) मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते भाईचारे पर आधारित हैं (Photo: PTI)

aajtak.in

  • सहारनपुर ,
  • 11 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. मुत्तकी से आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुलाकात की. इसके बाद अरशद मदनी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक या शैक्षणिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं.उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि हमारा रिश्ता सिर्फ मदरसों या तालीम तक सीमित नहीं है. अफगानिस्तान ने भारत की आज़ादी में योगदान दिया था. हमारे बुजुर्गों ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अफगान की भूमि को चुना था. 

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मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि जैसे भारत ने ब्रिटिश हुकूमत को हराया था, वैसे ही अफगानिस्तान ने अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को परास्त किया. उन्होंने कहा कि आपने हमसे सीखा कि आज़ादी कैसे हासिल की जाती है. उन्होंने बताया कि अफगान के विदेश मंत्री मुत्तकी से यह मुलाकात भारतीय मुसलमानों और दारुल उलूम देवबंद के अफगानिस्तान से गहरे संबंधों का प्रतीक है. 

समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद मदनी ने कहा कि दुनिया के सभी देशों में धर्म से ऊपर उठकर सौहार्द और शांति होनी चाहिए. हमारी बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा शामिल नहीं था, बल्कि आपसी संबंध मजबूत करने पर जोर दिया गया.

मदनी ने यह भी कहा कि भारत की यह शिकायत रही है कि अफगानिस्तान से आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं, लेकिन इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि अब अफगानिस्तान की ओर से भारत में कोई आतंकवादी नहीं आएगा.

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क्या बोले मुत्तकी?

वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने शनिवार को कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते भविष्य में और मजबूत होंगे. उन्होंने दारुल उलूम देवबंद में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भारत के लोगों का आभार जताया. दारुल उलूम देवबंद दक्षिण एशिया का सबसे प्रभावशाली इस्लामिक शिक्षण संस्थान माना जाता है. सहारनपुर पहुंचे मुत्तकी ने कहा कि हम यहां नए राजनयिक भेजेंगे और उम्मीद है कि आप लोग भी काबुल आएंगे. दिल्ली में मुझे जिस तरह का स्वागत मिला, उससे मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भारत-अफगानिस्तान संबंध और घनिष्ठ होंगे. ऐसे दौरे भविष्य में और भी बढ़ सकते हैं.

सहारनपुर में हुआ भव्य स्वागत

दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए देवबंद पहुंचे मुत्तकी का स्वागत दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम (कुलपति) अबुल कासिम नोमानी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और दारुल उलूम के पदाधिकारियों ने किया. इस दौरान सैकड़ों छात्र और स्थानीय लोग मुत्तकी से मिलने के लिए उत्साहित दिखे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें पास जाने की अनुमति नहीं दी गई. मुत्तकी ने कहा कि इतना शानदार स्वागत और लोगों के स्नेह के लिए मैं आभारी हूं. 

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