जिम में हुआ दर्द तो गर्दन चटकवाने कायरोपेक्टर के पास पहुंची महिला... हुई मौत!

एक महिला अपनी गर्दन की हड्डी एडजस्ट कराने कायरोपेक्टर के पास पहुंची थी. जैसे ही हड्डी चटकाने की कोशिश की गई महिला की हालत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई.

Advertisement
गर्दन चटकाने के दौरान महिला की मौत (Pexels) गर्दन चटकाने के दौरान महिला की मौत (Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST

जिम वर्कआउट के दौरान एक महिला की गर्दन में 'क्रैक'आ गया. इसके बाद वह अपनी हड्डियों को एडजस्ट कराने एक कायरोपेक्टर के पास पहुंची. वहां जैसे ही महिला की गर्दन की हड्डी को एडजस्ट करने की कोशिश की गई, महिला की हालत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई. 

इंग्लैंड के न्यूकैसल स्थित गेट्सहेड की रहने वाली 29 वर्षीय जोआना कोवाल्चिक की एक थैरेपी के दौरान दुखद मौत हो गई.  2021 में जिम में वर्कआउट करते समय उनकी गर्दन में 'क्रैक' महसूस हुआ. इसके बाद उन्होंने दर्द से राहत पाने के लिए कायरोपेक्टर से थैरेपी करवाना शुरू किया.उनका यह फैसला उनके लिए घातक साबित हुआ.

Advertisement

चिकित्सकीय सलाह को ठुकराकर चुना वैकल्पिक इलाज
सितंबर 2021 में निजी ट्रेनिंग सेशन के दौरान गर्दन में चोट लगने के बाद जोआना कोवाल्चिक को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की. उन्हें सीटी स्कैन के बाद लंबर पंक्चर (lumbar puncture) कराने की सलाह दी गई, जिससे यह पता लगाया जा सकता था कि कहीं अंदरूनी रक्तस्राव तो नहीं हुआ. लेकिन जोआना ने अस्पताल में इलाज कराने के बजाय खुद को डिस्चार्ज कर लिया और दर्द से राहत के लिए एक कायरोपेक्टर  के पास थैरेपी  के लिए चली गईं.

बिना मेडिकल इतिहास जांचे किया इलाज 
जोआना कोवल्चिक को पहले से ही कनेक्टिव टिशू डिसऑर्डर था, जिससे उनकी रक्त वाहिकाएं कमजोर थीं और उन्हें चोट लगने की संभावना अधिक थी. इसके अलावा, वह माइग्रेन और जॉइंट हाइपरमोबिलिटी की समस्या से भी पीड़ित थीं. हालांकि, कायरोपेक्टर  ने उनकी मेडिकल हिस्ट्री की जांच नहीं की. बिना किसी पूर्व जानकारी के उन्होंने गर्दन की एडजस्टमेंट और मैनिपुलेशन प्रक्रिया की, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई.

Advertisement

एक थैरेपी सेशन के बाद ही बिगड़ने लगी तबीयत
16 अक्टूबर को जब जोआना ने एक और सेशन लिया, तो उनकी गर्दन पर लेफ्ट साइड एडजस्टमेंट किया गया. इस प्रक्रिया के तुरंत बाद उन्हें चक्कर आने लगे और पूरी दुनिया घूमती हुई महसूस होने लगी.इसके बाद उन्होंने डबल विजन, उल्टी, हाथ-पैरों में झनझनाहट और बोलने में दिक्कत की शिकायत की, जो स्ट्रोक के लक्षण थे. कायरोपेक्टर  ने उन्हें अस्पताल जाने की सलाह दी, लेकिन जोआना ने इसे नजरअंदाज किया और क्लिनिक में ही कुछ घंटे आराम किया.

अस्पताल पहुंचने में हुई देरी 
उसी दिन बाद में जब जोआना को बोलने में कठिनाई हुई, तो उन्हें पैरामेडिक्स ने देखा. हालांकि, उन्होंने इसे सिर्फ माइग्रेन का लक्षण समझा और स्ट्रोक के खतरे को नहीं पहचाना. अगले दिन उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई और वे बेहोशी की हालत में पहुंच गईं. एंबुलेंस से अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी स्थिति बेहद नाजुक हो गई और उन्हें वेंटिलेशन व इंटुबेशन (श्वसन नली डालना) की जरूरत पड़ी.

अस्पताल में स्कैन से पता चला कि उनके मस्तिष्क का एक हिस्सा मृत हो चुका था और गर्दन की एक रक्त वाहिका में घातक चोट लग चुकी थी. दो दिन बाद, 19 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई.

Advertisement

कायरोपेक्टर की लापरवाही से हुई मौत
गेट्सहेड और साउथ टाइनसाइड की सहायक कोरोनर लैला बेनयूनस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जोआना की मौत का मुख्य कारण स्वाभाविक चिकित्सा घटना के बाद कायरोपेक्टर का उपचार था. उन्होंने यह भी कहा कि कायरोपेक्टर ने जोआना की हालिया मेडिकल हिस्ट्री को जानने की कोशिश नहीं की, न ही उनके पिछले मेडिकल रिकॉर्ड्स मंगवाए.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement