सुबह पूजा-पाठ, शाम को स्टंट...चर्चा में है मंदिर का ये बाइकर पुजारी

केरल के एक मंदिर का 34 वर्षीय पुजारी इन दिनों खूब चर्चा में है. दरअसल , ये पुजारी एक बाइक रेसर है. केरल के कोट्टायम के मूल निवासी उन्नीकृष्णन वीएल मंजूर में पुधुक्कुलमगारा देवी मंदिर में पुजारी हैं . वह शाम में बाइक रेसर बन जाते हैं.

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चर्चा में है बाइकर पुजारी चर्चा में है बाइकर पुजारी

शिबिमोल

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

आम तौर पर किसी मंदिर के पुजारी की बात हो तो मन में जो तस्वीर उभरकर आती है वह एक तिलक लगाए, धोती पहने, शांत से बुजुर्ग इंसान की होती है. लेकिन केरल के एक मंदिर के 34 वर्षीय पुजारी ने मानो इस छवि को बदलकर ही रख दिया.  दरअसल, केरल के कोट्टायम के मूल निवासी उन्नीकृष्णन वीएल मंजूर में पुधुक्कुलमगारा देवी मंदिर में पुजारी हैं . सुबह की पूजा गतिविधियों के बाद, वह शाम में बाइक रेसर बन जाते हैं.

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बाइक स्टंट करता है मंदिर का ये पुजारी

पूजा के बाद, वह अपना हेलमेट, जैकेट और जूते निकालते हैं और ज्यादातर मंदिर के पास ही बाइक स्टंट करते हैं. जो भक्त और स्थानीय लोग उनके इस बदलाव को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते थे, उन्हें अब इसकी आदत हो गई है.

कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट हैं, छोड़ी नौकरी

उन्नीकृष्णन ने 2006- 2007 के दौरान स्टंट राइडिंग शुरू की. 2010 में बीएससी कंप्यूटर साइंस के बाद उन्हें कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिए नौकरी मिल गई. उन्होंने तीन साल बाद नौकरी छोड़ दी क्योंकि उन्हें लगा कि यह उनके टाइप की नहीं है. उन्होंने कहा, "मुझे एहसास हुआ कि मैं कॉर्पोरेट नौकरी करके खुश नहीं रह सकता. मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और उत्तराखंड की यात्रा पर निकल पड़ा. मैंने 30 दिनों में उत्तराखंड को कवर किया. वह मेरे जीवन में एक बदलाव था."

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पहले परिवार नाराज था और फिर...

पहले तो उनका परिवार उनके नौकरी छोड़ने के फैसले से नाराज था लेकिन बाद में वे अपने बेटे की इच्छाओं के साथ खड़े हो गए. बाद में वह एक पुजारी बन गए और साथ ही बाइक रेसिंग में अपने जुनून को पूरा किया. उन्नीकृष्णन का लक्ष्य अधिक कार्यक्रमों में भाग लेना और भारत में सभी रैलियों में भाग लेना है.  

 

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