ईश्वर के अस्तित्व को लेकर सदियों से सवाल उठाए जाते रहे हैं. यह विषय अक्सर बहस का हिस्सा भी बनता है. ईश्वर में विश्वास रखने वालों के अपने तर्क होते हैं, जबकि नहीं मानने वालों के भी अपने तर्क होते हैं. लेकिन हाल ही में अमेरिका के ओक्लाहोमा शहर में एक स्कूल असाइनमेंट के कुछ ऐसे ही सवालों ने विवाद खड़ा कर दिया. सोशल मीडिया पर यह असाइंटमेंट और इसके सवाल तेजी से वायरल हो रहे हैं.
ओक्लाहोमा में हाई स्कूल के छात्रों को दिए गए असाइनमेंट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर को एक स्टूडेंट की मां ने फेसबुक पर पोस्ट किया था. फेसबुक पर इस पोस्ट के शेयर होते ही असाइनमेंट में पूछे गए सवालों को लेकर विवाद शुरू हो गया.
फेसबुक पोस्ट के अनुसार, असाइनमेंट के सवालों पर नजर डालें तो उनमें से कुछ इस तरह थे: क्या सच में शैतान होते हैं? क्या सच में ईश्वर का अस्तित्व है. जाहिर तौर पर, ऐसे सवालों के सामने आने पर विवाद होना लाजमी था. यह बहस नास्तिक बनाम आस्तिक के बीच गरमा गई. कई लोगों ने सवाल उठाया कि स्कूल के मासूम बच्चों से ऐसे सवाल क्यों पूछे गए.
एक स्टूंडेंट की मां ने किया पोस्ट
असाइनमेंट में पूछे गए सवालों की तस्वीर शेयर करते स्टूडेंट की मां ने पोस्ट की. ओलिविया ग्रे ने पोस्ट में लिखा की यह ओक्लाहोमा की हाई स्कूल क्लॉस के लिए एक असाइनमेंट है.दुनिया के इतिहास के विषय में ऐसे सवालों का क्या तुक बनता है. ऐसे सवाल पागलपन और बकवास भरे हैं.
देखें पोस्ट
सोशल मीडिया पर क्या आया रिएक्शन
फेसबुक पर इस पोस्ट के बाद कमेंट सेक्शन में नाराजगी भरे कमेंट्स भी आए, ज्यादातर यूजर्स की शिकायत थी स्कूल के बच्चों के असाइनमेंट में ऐसे सवालों की क्या जरूरत है, जहां शैतान के अस्तित्व पर सवाल किये जाए. एक यूजर ने इस असाइनमेंट को धार्मिक मान्यताओं पर अपनी राय थोपने वाला बताया किसी ने सवाल उठाया कि शैतान और भगवान जैसे विषयों को स्कूल की पढ़ाई में शामिल करना क्यों जरूरी है.
हालांकि, कुछ लोगों का मानना था कि दुनिया के इतिहास जैसे विषय में ये बुनियादी सवाल अहम हैं. उनका तर्क था कि इस तरह के सवालों से छात्रों की तार्किक शक्ति विकसित हो सकती है, जिससे वे भविष्य में सही और गलत का निर्णय लेने में सक्षम होंगे.
पोस्ट वायरल होने के बाद स्कूल ने दी सफाई
Skiatook Public Schools को वर्ल्ड हिस्ट्री असाइनमेंट के बारे में सफाई दी. उन्होंने कहा की प्रशासन ने असाइनमेंट की समीक्षा की, तो यह निष्कर्ष निकाला गया कि ऐसे सवाल बच्चों से पूछना हमारी शिक्षा को लेकर नजरिये में नहीं है. हम आगे अकादमिक स्टैंडर्ड को पूरा करते रहेंगे.
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