इतना खूबसूरत क्यों दिखता है ताजमहल, सदियों से लाजवाब कैसे है?

शाहजहां के आर्किटेक्ट्स के अनोखे इनोवेशन्स की वजह से ताजमहल इतना खूबसूरत दिखता है. इसे बनाने के लिए मध्य एशिया और ईरान के कारीगर आए थे.

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उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में है ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में है ताजमहल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST
  • मुगल शासक शाहजहां ने बनवाया था ताजमहल
  • ताजमहल के मेन आर्किटेक्ट उस्ताद-अहमद लाहौरी थे

दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक ताजमहल इन दिनों चर्चा में है. इस इमारत के 22 कमरों को खुलवाने और इमारत के इतिहास की पुष्टि के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब आइए जानते हैं कि ताजमहल की खूबसूरती की चर्चा क्यों पूरी दुनिया में होती है?

ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में है. यह 42 एकड़ में फैले मुगल गार्डन के अंदर है. यमुना किनारे बसे इस इमारत को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के लिए बनवाया था.

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इमारत का कंस्ट्रक्शन साल 1632 में शुरू हुआ था और 1648 में पूरा हो गया. ताजमहल का बाहरी कोर्टयार्ड और इसका विहार बाद में बनाया गया था. यह साल 1653 में बनकर पूरा हुआ था.

ताजमहल को बनाने के लिए राज्य के अलग-अलग इलाकों से कारीगर आए थे. यहां तक कि मध्य एशिया और ईरान के भी कारीगरों ने हाथ बंटाया था. ताजमहल के मेन आर्किटेक्ट उस्ताद-अहमद लाहौरी थे.

ताजमहल की खूबसूरती में सॉलिड्स और वॉइड्स, कॉनकेव और कॉन्वेक्स और लाइट शैडो चार चांद लगाते हैं. आर्च और डोम की वजह से भी ताजमहल का निखार उभर कर आता है.

ताजमहल की यूनिकनेस कुछ अनोखे इनोवेशन्स की वजह से उभर कर आती है. इसका श्रेय बागवानी के प्लानर्स और शाहजहां के आर्किटेक्ट्स को जाता है. चतुर्भुज गार्डन के एक किनारे पर टॉम्ब की वजह से भी इस इमारत को एक नया लुक मिलता है.

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ताजमहल एक परफेक्ट सिमिट्रिकल प्लान्ड बिल्डिंग है. बिल्डिंग में रेड स्टोन्स के साथ ब्रिक-इन-लाइम मोर्टर मंडित हैं. इसमें कीमती स्टोन्स जड़े हुए हैं. ताजमहल कॉम्पलेक्स में मौजूद मस्जिद और गेस्ट हाउस रेड सैंडस्टोन से बने हैं.

ताजमहल इन दिनों अयोध्या के बीजेपी के मीडिया-इन-चार्ज रजनीश सिंह के एक याचिका की वजह से चर्चा में है. उन्होंने दावा किया कि ताजमहल पहले एक शिव मंदिर हुआ करता था, जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था.

ताजमहल पर दायर की गई याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि इस मुद्दे पर रिसर्च करो, इसके लिए एमए, पीएचडी करो, कोई न करने दे तो हमारे पास आओ.

बाद में ASI (Archaeological Survey of India) ने भी ताजमहल के उन 22 कमरों की तस्वीरें शेयर की थीं. आगरा ASI प्रमुख आर के पटेल ने आजतक को बताया था कि तस्वीरें जनवरी 2022 के न्यूजलेटर के रूप में ASI की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, कोई भी उनकी वेबसाइट पर जाकर इन तस्वीरों को देख सकता है.

Picture Credits: Pixabay, GettyImages, PTI, unsplash

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