Pran Pratishtha: भारत में अयोध्या और थाईलैंड में अयुथ्या... दोनों तरफ राम की गूंज, जानें इनके बीच का संबंध

Ayodhya Ram Mandir: अयुथ्या किसी जमाने में विशाल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. अयुथ्या राजधानी बैंकॉक से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां कदम रखते ही आपको विशाल खंडहर नजर आएंगे.

Advertisement
अयोध्या और अयुथ्या में हैं काफी समानताएं (तस्वीर- सोशल मीडिया) अयोध्या और अयुथ्या में हैं काफी समानताएं (तस्वीर- सोशल मीडिया)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

भारत के अयोध्या की आज पूरी दुनिया में खूब चर्चा हो रही है. यहां राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन है. पूरे देश में इसे लेकर जश्न का माहौल है. विदेश में भी राम नाम की धुन सुनाई दे रही है. अब जब बात अयोध्या की हो ही रही है, तो क्यों ना इसी के जैसे नाम वाले एक अन्य शहर की बात कर लें? ये शहर 1350 में स्थापित हुआ था. और थाईलैंड में मौजूद है.

Advertisement

शहर का नाम अयुथ्या है. ये किसी जमाने में विशाल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. अयुथ्या राजधानी बैंकॉक से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां कदम रखते ही आपको विशाल खंडहर नजर आएंगे.   

अयोध्या और अयुथ्या में भी कुछ समानताएं हैं. जैसे अयोध्या सरयू नदी के किनारे बसा है, वैसे ही अयुथ्या शहर तीन नदियों से घिरा है. ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या और अयुथ्या, इन दो शब्दों का एक समान होना कोई इत्तेफाक नहीं है.

बल्कि संस्कृत के शब्दों को थाई में ढालकर यहां नए नए नाम पहले भी बनते आए हैं. भारत की प्राचीन सभ्यता का दक्षिण पूर्व एशिया पर काफी प्रभाव पड़ा है. ऐसा कहा जाता है कि जब अयुथ्या की स्थापना हुई, तब तक रामायण थाईलैंड तक पहुंच चुकी थी.

थाईलैंड में रामायण को रामाकिएन के नाम से जाना जाता है. थाईलैंड के लोग राजा को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं. यही कारण है कि यहां राजाओं को रामा-1, रामा-2 आदि के नाम से जाना जाता है.

Advertisement

थाईलैंड में संस्कृत के अलावा पाली जैसी भाषाओं का भी काफी असर दिखता है. यूनोस्को के अनुसार, अयुथ्या के शाही दरबार में कई देशों के दूत आया करते थे. इनमें मुगल दरबार, जापान और चीनी साम्राज्यों के दूत भी शामिल हैं.

बेशक थाईलैंड और भारत के कूटनीतिक रिश्तों को 77 साल होने वाले हैं लेकिन सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव सदियों पुराना है. रामायण की बात करें, तो इसके थाईलैंड में कई संस्करण बने हैं. थाई किंग रामा-1 ने इसे दोबारा लिखा था. यहां आज भी रामाकिएन का मंचन होता है.

इसमें भी रामायण से बहुत सी समानताएं हैं. इसमें थॉसकन नाम का किरदार है. जो रावण का है. क्योंकि थॉस का मतलब दस होता है. वहीं फ्रा राम नाम का किरदार है, जो कि भगवान राम हैं.

अयुथ्या के इतिहास की बात करें, तो यह 14वीं से 18वीं सदी तक काफी समृद्ध था. 1767 में बर्मा ने इस पर हमला किया. फिर शहर दोबारा नहीं बसाया गया. यहां मूर्तियों और इमारतों के खंडहर आज भी मौजूद हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement