मसूद अजहर की बहनें चला रहीं आतंकी ट्रेनिंग क्लास, 500 रुपये में ‘ऑनलाइन जिहाद’ सिखाने की तैयारी

पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं को जोड़ने के लिए ‘जमात-उल-मुमिनात’ नाम से ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है, जिसमें 500 पाकिस्तानी रुपये शुल्क लिया जा रहा है.मसूद अज़हर की बहनें इस कार्यक्रम को चला रही हैं, जिसे महिलाओं को कट्टरपंथ की ओर झुकाने और फंड जुटाने की नई चाल माना जा रहा है.

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 पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती और फंड जुटाने के लिए "तुफ़ात-उल-मुमिनात" नाम से एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. (Photo: Reuters) पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती और फंड जुटाने के लिए "तुफ़ात-उल-मुमिनात" नाम से एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) अब महिलाओं को आतंक से जोड़ने की कोशिश में लग गया है. संगठन ने हाल ही में अपने महिला ब्रिगेड "जमात-उल-मुमिनात" के जरिए एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. यह कोर्स महिलाओं को संगठन की विचारधारा से जोड़ने और उन्हें प्रशिक्षित करने के मकसद से चलाया जा रहा है. इंडिया टुडे टीवी को मिले डॉक्यूमेंट के अनुसार, इस कोर्स का नाम ‘तुफ़ात-उल-मुमिनात’ रखा गया है. इस कोर्स के लिए हर प्रतिभागी से 500 पाकिस्तानी रुपये शुल्क लिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि यह केवल भर्ती अभियान ही नहीं, बल्कि फंड जुटाने का तरीका भी है.

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मसूद अज़हर की बहनें चला रही ट्रेनिंग प्रोग्राम
जानकारी के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की बहनें इस ऑनलाइन ट्रेनिंग  प्रोग्राम को चला रही हैं और उसकी निगरानी भी कर रही हैं. बताया जा रहा है कि इस कोर्स के जरिए महिलाओं को संगठन की कट्टर सोच से जोड़ने और उन्हें “धार्मिक शिक्षा” के नाम पर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहले से ही आतंकवादी घोषित जैश-ए-मोहम्मद का यह कदम अब महिलाओं को अपने नेटवर्क में शामिल करने की नई चाल माना जा रहा है. इस पूरी गतिविधि पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी नजर है.

8 नवंबर से शुरू होगा ऑनलाइन कोर्स 
पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अब महिलाओं की भर्ती शुरू कर दी है. संगठन ने इसके लिए एक ऑनलाइन कोर्स लॉन्च किया है, जिसमें शामिल होने वालों से 500 पाकिस्तानी रुपये शुल्क लिया जाएगा. इस कोर्स का नाम ‘तुफ़ात अल-मुमिनात’ रखा गया है. यह कोर्स न सिर्फ महिलाओं की भर्ती के लिए, बल्कि फंड जुटाने के लिए भी शुरू किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ऑनलाइन कोर्स 8 नवंबर से शुरू होगा, और रोजाना 40 मिनट की लाइव क्लास के रूप में चलेगा. इन सत्रों का संचालन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर की बहनें — सादिया और समायरा अजहर करेंगी.  वे महिलाओं को जिहाद, धर्म और इस्लामी विचारधारा के बारे में बताकर संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगी.

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महिलाओं को आतंक नेटवर्क में जोड़ने की नई कोशिश
इससे पहले, 8 अक्टूबर को मसूद अज़हर ने महिलाओं के लिए एक नया विंग “जमात-उल-मुमिनात” बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद 19 अक्टूबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के रावलकोट में “दुख्तरान-ए-इस्लाम” नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, ताकि महिलाओं को संगठन से जोड़ा जा सके. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम महिलाओं को आतंक नेटवर्क में शामिल करने की नई कोशिश है. सुरक्षा एजेंसियां इस ऑनलाइन कोर्स और इसके प्रचार पर नजर रख रही हैं.

पाकिस्तान में महिलाओं के लिए रूढ़िवादी समाज 
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में महिलाओं के लिए समाज बहुत रूढ़िवादी है — वहां अक्सर महिलाएं अकेले बाहर नहीं जा पातीं. इसी वजह से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) अब महिलाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपने नेटवर्क में जोड़ने की कोशिश कर रहा है. यह तरीका आईएसआईएस, हमास और लिट्टे जैसे आतंकी संगठनों से मिलता-जुलता है, जहां महिलाओं को आत्मघाती या फ़िदायीन हमलों के लिए तैयार किया जाता था. संगठन ने यह भी तय किया है कि हर महिला जो इस कोर्स में शामिल होगी, वह 500 पाकिस्तानी रुपये देगी और एक ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपनी जानकारी साझा करेगी. इस तरह जैश-ए-मोहम्मद इस "धार्मिक प्रशिक्षण" के बहाने से पैसे भी जुटा रहा है और अपने नेटवर्क का विस्तार भी कर रहा है.

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान की दोहरे रवैये (पाखंड) को दिखाता है. एक तरफ पाकिस्तान दावा करता है कि वह FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के नियमों का पालन कर रहा है, लेकिन दूसरी तरफ वह जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को धार्मिक कोर्स के नाम पर आतंक फैलाने और फंड इकट्ठा करने की छूट दे रहा है. मसूद अज़हर ने अपनी छोटी बहन सादिया अजहर को महिला ब्रिगेड की कमान सौंपी है. इस ब्रिगेड की शूरा (यानी सलाहकार परिषद) में सफिया अजहर और अफरीरा फारूक भी शामिल हैं. अफरीरा, उमर फारूक की पत्नी हैं. वहीं, आतंकी जो 2019 के पुलवामा हमले में शामिल था और बाद में भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.

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