पोलैंड में पुरात्विक खोजकर्ताओं के एक झील से हजारों साल पुराने हथियारों के अवशेष बरामद हुए हैं. इस खोज ने इतिहास के बंद पन्ने खोल सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि झील से निकले हथियार इस देश के पहले राजा के हैं. इस वजह से इनकी स्टडी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लेडनिका स्थित प्रथम पियास्ट संग्रहालय ने 12 नवंबर को एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से इस खोज की घोषणा की थी. जिस झील से ये पुरातन हथियार मिले हैं, वो ओस्ट्रो लेडनिकी द्वीप को घेरे हुए है, जो 10वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में एक विशाल शाही गढ़ के रूप में जाना जाता था.
145 कुल्हाड़ियां, 64 भाले और 8 तलवार मिले हैं
खोजकर्ताओं को झील से लगभग 280 हथियारों के मिले हैं. इनमें 145 कुल्हाड़ियां, 64 भाले के सिरे, आठ तलवारें और हाल ही में मिले चार भाले शामिल हैं. टोरून स्थित निकोलस कोपरनिकस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने लेडनिका स्थित प्रथम पियास्ट संग्रहालय के सहयोग से इन भालों को खोजा है.
इन शासकों के हैं हथियार
ये हथियार मिएज़्को प्रथम और बोलेस्लाव द ब्रेव के समय के हैं, जो मध्यकालीन पोलैंड के निर्माण में दो महान व्यक्तित्व थे. संभवत: झील से मिले हथियार इनके ही थे. इस बारे में संग्राहालय के निदेशक ने बाद में विस्तार से बताया. फॉक्स न्यूज डिजिटल से बात करते हुए, संग्रहालय के निदेशक आंद्रेज कोवालचिक ने कहा कि लेडनिका झील ने दशकों से वैज्ञानिकों को हैरान किया है और हथियार इस स्थल
के स्थायी रहस्य को और बढ़ाते हैं.
कोवालचिक ने कहा कि हथियारों पर की गई विस्तृत सजावट, साथ ही जिन कीमती धातुओं से वे बने थे, वे संकेत देते हैं कि उनका उपयोग उच्च कुल के योद्धाओं द्वारा किया गया होगा.उन्होंने कहा कि सजाए गए सॉकेट वाले भाले के सिरे उत्तरी और पूर्वी यूरोप में प्रारंभिक मध्ययुगीन हथियारों के असाधारण उदाहरण हैं.
अच्छे हालत में मिले हैं इतने पुराने भाले और तलवार
इसी तरह के तीन उदाहरण 1990 के दशक में लेडनिका झील के पानी में पाए गए थे. हालांकि, रंगीन धातु मिश्र धातुओं से पूरी तरह से बने सॉकेट से सुसज्जित ऐसी कोई वस्तु अब तक नहीं मिली थी. कोवालचिक ने कहा कि सबसे रोमांचक खोज "राजसी भाला" थी जो असाधारण रूप से अच्छी तरह से संरक्षित थी. उन्होंने कहा कि स्टील का ब्लेड, या पत्ती, एक जटिल रूप से अलंकृत सॉकेट में लगी हुई है, जिसमें अभी भी शाफ्ट का एक टुकड़ा मौजूद है.
विशेष अध्ययनों से पता चला है कि इसकी सतह का अधिकांश भाग सोने, चांदी और कांसे के साथ-साथ अन्य धातु मिश्र धातुओं से ढका हुआ है. इसमें आपस में गुंथी हुई आकृतियां भी हैं. इनके नुकीले सिरे पंजे या चोंच जैसे दिखते हैं और इनके साथ ही छोटे-छोटे बिंदुओं की पंक्तियां पैटर्न की पृष्ठभूमि बनाती हैं.
आखिर झील में क्यों फेंके गए हथियार
विशेषज्ञों का कहना है कि झील में हथियार क्यों छोड़े गए, इसके दो मुख्य कारण हैं. पहले सिद्धांत के अनुसार, पुरातत्वविदों का मानना है कि लेडनिका गढ़ पर कब्जे के लिए हुए युद्धों के दौरान, संभवतः 1030 के दशक में, जब चेक ड्यूक ब्रेतिस्लॉस ने पोलैंड पर आक्रमण किया था, तब ये हथियार झील में गिर गए थे.
दूसरी ओर, संग्रहालय ने कहा कि ईसाईकरण की प्रक्रिया के दौरान भी, हथियारों को अनुष्ठानिक रूप से पानी में भेंट के रूप में रखा गया होगा. कोवालचिक ने कहा कि इस तरह की प्रथाएं प्राचीन काल से और पूरे यूरोप में कई स्थानों से ज्ञात हैं. पानी को मृतकों की दुनिया का द्वार माना जाता था, और उसमें मूल्यवान वस्तुएं फेंकना एक गहरा प्रतीकात्मक अर्थ रखने वाला कार्य था.
यहीं हुआ था राजा मिएज्को का बपतिस्मा
कोवालचिक ने पोलिश इतिहास में ओस्ट्रोव लेडनिकी के विशेष महत्व पर जोर दिया - जिसमें यह भी शामिल है कि यह वह स्थान है जहां संभवतः मिएज़्को प्रथम का बपतिस्मा हुआ था.
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