Myth vs Science: ग्रहण के समय खाना बनाया या खाया तो क्या होगा?

साल 2025 का दूसरा आखिरी चंद्र ग्रहण आज 7 सितंबर को लगेगा. भारतीय समय के अनुसार, यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और अगली सुबह 1 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगा.

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जब पृथ्वी सूरज और चांद के बीच आ जाती है, तो चंद्र ग्रहण लगता है. ( Photo: Freepik) जब पृथ्वी सूरज और चांद के बीच आ जाती है, तो चंद्र ग्रहण लगता है. ( Photo: Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

Lunar Eclipse 2025: साल 2025 का दूसरा आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने वाला है. भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 09.58 बजे शुरू होगा और रात 01.26 बजे ग्रहण खत्म होगा.  आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, लेकिन इसके बारे में कई तरह के अंधविश्वास ( Myth) प्रचलित हैं. आइए जानते हैं सच्चाई –

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1. Myth: ग्रहण के समय गर्भवती महिला अगर बाहर निकली तो बच्चे पर दाग या कट का निशान पड़ेगा.
Science: साइंस के अनुसार, इसका कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है. बच्चे की शारीरिक बनावट गर्भ में DNA और विकास प्रक्रिया से तय होती है, ग्रहण से नहीं. 

2. Myth: ग्रहण के समय खाना बनाने या खाने से जहर फैलता है.
Science: ग्रहण का भोजन पर कोई असर नहीं पड़ता. पहले के समय लोग खाने को बचाने के लिए precaution लेते थे (क्योंकि बिना फ्रिज के खाना जल्दी खराब हो जाता था), जिससे यह मान्यता बनी.

3. Myth: ग्रहण देखने से आंखें खराब हो जाती हैं.
Science: सूर्य ग्रहण देखने से आंखें खराब हो सकती है. बिना सुरक्षा चश्मे (solar filter glasses) के देखने पर आंखों को नुकसान हो सकता है. चंद्र ग्रहण पूरी तरह सुरक्षित है, नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है.

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4. Myth: ग्रहण के दौरान घर में पानी और पौधे दूषित हो जाते हैं.
Science: इसका कोई असर नहीं होता. यह सब अंधविश्वास है.

5. Myth: ग्रहण के समय पूजा-पाठ या स्नान न करने से पाप लगता है.
Science: यह धार्मिक मान्यता है, वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण का इंसानी कर्मों से कोई लेना-देना नहीं.

6. Myth: ग्रहण धरती पर प्राकृतिक आपदाएं (भूकंप, बाढ़ आदि) लाता है.
Science: ग्रहण एक खगोलीय घटना है, इसका प्राकृतिक आपदाओं से कोई सीधा संबंध नहीं.

7. Myth: ग्रहण सेहत पर बुरा असर डालता है
Science: इस बात को लेकर कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है. अगर लोग बीमार महसूस करते हैं तो वह डर और मान्यता की वजह से होता है (placebo effect).

क्या है Placebo Effect 
Placebo Effect (प्लेसिबो इफेक्ट) का मतलब है –जब कोई व्यक्ति मान लेता है कि उसका इलाज रहा है, तो सिर्फ उस विश्वास के कारण उसकी सेहत या लक्षणों में सुधार दिखने लगता है, भले ही असली दवा या इलाज न हुआ हो. उदाहरण के लिए मान लें कि किसी मरीज को शुगर की गोली (जिसमें कोई दवा नहीं है) दे दी गई और कहा गया कि यह सिरदर्द की दवा है. मरीज का सिरदर्द कम हो गया, क्योंकि उसे विश्वास था कि उसने असरदार दवा ली है. दवा का असर नहीं, दवा पर विश्वास का असर,  यही Placebo Effect है.

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ग्रहण से जुड़ी ज्यादातर बातें सिर्फ़ परंपरा और मान्यताओं पर आधारित हैं. विज्ञान के अनुसार, यह केवल सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की alignment है, जिसका इंसानी स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं या खाने-पीने पर कोई असर नहीं.

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