1 करोड़ की लॉटरी जीतने के बाद लगातार 3 महीने तक पार्टी करता रहा मजदूर, अब ICU में भर्ती

यह कहानी एडम लोपेज की है, जो अचानक एक स्क्रैच-ऑफ लॉटरी में 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) जीतने के बाद सुर्खियों में आ गए.लेकिन खुशी के इस झोंके ने जल्द ही उनकी जिंदगी को हिला कर रख दिया.

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अचानक अमीरी मिलने के बाद एडम ने अपनी नौकरी छोड़ दी ( सांकेतिक तस्वीर-Pexel) अचानक अमीरी मिलने के बाद एडम ने अपनी नौकरी छोड़ दी ( सांकेतिक तस्वीर-Pexel)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

ब्रिटेन के नॉरफॉक में रहने वाले 39 साल के एडम लोपेज की किस्मत जुलाई में ऐसे बदली कि वो चर्चा का विषय बन गए. एक आम  ड्राइवर रहे एडम ने स्क्रैच-ऑफ लॉटरी में 1.3 मिलियन डॉलर (करीब 11 करोड़ रुपये) जीत लिए.कुछ हफ्ते पहले तक उनके बैंक खाते में सिर्फ 17 डॉलर थे, लेकिन लॉटरी लगते ही उनकी जिंदगी पलट गई.

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नौकरी छोड़ी, फिर शुरू हुआ तीन महीने का जश्न

अचानक अमीरी मिलने के बाद एडम ने अपनी नौकरी छोड़ दी और लगातार तीन महीने तक पार्टी करते रहे. उन्होंने बताया कि मैं लगातार पार्टी कर रहा था. जिंदगी में पहली बार खुलकर जी रहा था, लेकिन शायद गलत रास्ते पर चला गया.पैसे की चमक और मौज-मस्ती ने उन्हें इतना बहा लिया कि दिन-रात सिर्फ जश्न में डूबे रहे.

तबीयत बिगड़ी, पहुंच गए अस्पताल

सितंबर में उनकी सेहत अचानक बिगड़ने लगी. एडम ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ हुई, चलना मुश्किल हो गया. मैंने एम्बुलेंस बुलवाई और जब स्ट्रेचर पर लेटकर एम्बुलेंस में रखा गया, तभी जिंदगी का सबसे बड़ा झटका लगा.

डॉक्टरों की जांच में सामने आया कि एडम को दोनों फेफड़ों में ब्लड क्लॉट हो गया है. खून का थक्का उनके पैर से फेफड़ों तक पहुंच गया था, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई.

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अस्पताल में 8 दिन, मिला ‘जीवन का सबसे बड़ा सबक’

एडम को तुरंत नॉरफॉक एंड नॉरविच यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां वह आठ दिन से ज्यादा तक भर्ती रहे. उन्होंने कहा कि वहां के लोग फरिश्तों की तरह थे, उन्होंने मुझे फिर से ज़िंदगी दी.एडम ने बताया कि यह उनके लिए एक 'बड़ा सबक' था. मुझे पता था कि ये सब किसी दिन खत्म होगा, लेकिन इस तरह नहीं। यह मेरे लिए एक बड़ी चेतावनी थी.

'पैसे से बड़ी चीज है जिंदगी'

एडम ने कहा कि चाहे आपके पास एक मिलियन हो या ट्रिलियन, जब आप एम्बुलेंस के पीछे लेटे होते हैं, तब पैसा कोई मायने नहीं रखता.अब वह अपनी सेहत और रिकवरी पर ध्यान दे रहे हैं और अगले 6 से 9 महीनों में खुद को पूरी तरह ठीक करने का लक्ष्य रखे हुए हैं.वह कहते हैं कि मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी, लेकिन अब एहसास हुआ कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. मैंने अपनी जिंदगी की लय खो दी थी.

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