6 घंटे में खड़ी कर दी रेलवे स्टेशन की पूरी बिल्डिंग... बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड, देखने वाले भी हैरान!

जापान ने मात्र 6 घंटे में रेलवे स्टेशन तैयार कर दिया गया. दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया का पहला ऐसा 3D प्रिंटेड रेलवे स्टेशन है.

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6 घंटे में बनकर तैयार हो गया रेलवे स्टेशन (फोटो - X/@Ravi3pathi) 6 घंटे में बनकर तैयार हो गया रेलवे स्टेशन (फोटो - X/@Ravi3pathi)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:19 PM IST

आखिरी ट्रेन जब रात में गुजरी तो स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग खड़ी थी. वहीं छह घंटे बाद दूसरे दिन सुबह को जब पहली ट्रेन आई तो स्टेशन की बिल्डिंग पूरी तरह से नई दिखाई दी.  यह कारनामा जापान में हुआ है. यहां एक पुराने लकड़ी के स्टेशन भवन की जगह मात्र छह घंटे में दुनिया का पहला 3डी-मुद्रित रेलवे स्टेशन बना दिया गया. 

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नया रेलवे स्टेशन, जो एक बगीचे के शेड जैसा दिखता है. ओसाका के दक्षिण में ग्रामीण इलाके एरिडा में बनाया गया है. इसमें 3डी-प्रिंटेड मोर्टार मोल्ड्स का उपयोग किया गया है, जिन्हें असेंबल करने के लिए ट्रकों द्वारा लाया गया था. क्रेन की सहायता से असेंबलिंग का काम रात भर चला. आखिरी ट्रेन के रवाना होने से लेकर अगली सुबह पहली ट्रेन के आने तक स्टेशन की बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई.

100 वर्ग फीट के क्षेत्र में बनी है ये स्ट्रक्चर
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, तैयार संरचना 2.6 मीटर ऊंची है. यह 100 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैली हुई है और प्रबलित कंक्रीट से बनी है. सफेद संरचना को मेंडारिन ऑरेंज और स्कैबर्डफ़िश से सजाया गया है - जो एरिडा की कुछ खासियतें हैं.

सिर्फ 6 घंटे में तैया कर दिया थ्री-डी प्रिंटेड बिल्डिंग
वेस्ट जापान रेलवे कंपनी (जेआर वेस्ट) ने कहा कि पिछले महीने बनकर तैयार हुआ यह स्टेशन, एरिदा में दुनिया का अपनी तरह का पहला स्टेशन है. एरिडा एक स्थानीय मछली पकड़ने वाला बंदरगाह है, जो अपनी लुभावनी पर्वत श्रृंखला के लिए जाना जाता है.कहा गया है कि वृद्ध होते समाज के कारण घटते कार्यबल तथा ग्रामीण मार्गों पर कम होते यात्रियों की चुनौतियों से निपटने के लिए पारंपरिक मार्ग को पूरा करने में दो महीने से अधिक का समय लगता तथा लागत भी दोगुनी होती थी.

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पूरी तरह से भूकंपरोधी है स्ट्रक्चर
इस परियोजना पर पश्चिम जापान रेलवे के साथ काम करने वाली जापानी हाउसिंग फर्म सेरेन्डिक्स ने कहा कि नई संरचना में छत और दीवारों सहित चार भाग हैं तथा यह प्रबलित कंक्रीट घरों के समान भूकंपरोधी है. हालांकि, भवन का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन टिकट मशीन और कार्ड रीडर जैसी चीजें अभी भी स्थापित की जा रही हैं, और उम्मीद है कि जुलाई 2025 में इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

समान्यतया स्टेशन भवन बनाने में लग जाते हैं 2 महीने
इस स्ट्रक्चर का आंतरिक कार्य पूरा हो जाने और टिकट मशीन लगा दिए जाने के बाद, 75 वर्षों से अधिक समय से उपयोग में लाई जा रही लकड़ी की संरचना को गिरा दिया जाएगा. मार्च के अंत में जब इसका निर्माण हुआ तो एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर इस तरह का स्टेशन भवन बनाने में लगभग दो महीने का समय लगता है, इसलिए हमें लगा कि गति एक बड़ा फायदा है.

बिल्डिंग के सारे पुर्जों को बनाने में लग गए थे 7 दिन
कुमामोटो प्रान्त की एक फैक्ट्री में पुर्जों को प्रिंट करने और उन्हें कंक्रीट से मजबूत करने की प्रक्रिया में सात दिन लगे. फिर इन्हें 24 मार्च को करीब 800 किलोमीटर दूर ले जाया गया, जहां क्रेन की मदद से इन्हें जोड़ा गया. उस रात इलाके के स्थानीय लोग इस अनोखे निर्माण को देखने के लिए एकत्र हुए थे. 

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