इस्लामिक स्टेट वापस लौटा... ब्रिटेन में AI की मदद से कर रहा आतंकियों की भर्ती

आतंकवादी संगठन नए लोगों की भर्ती के लिए एक नया सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया है. इसमें AI के माध्यम से ब्रिटेन के किशोरों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

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ब्रिटेन में आईएस और अल-कायदा ने शुरू किया रिक्रूटमेंट कैंपेन (Photo - AI Generated) ब्रिटेन में आईएस और अल-कायदा ने शुरू किया रिक्रूटमेंट कैंपेन (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

ब्रिटेन में एक बार फिर से आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट वापस लौट आया है. इन दिनों इनकी गतिविधियां तेज हो गई है. यहां  पहली बार ब्रिटिश जिहादियों की भर्ती के लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, नए लोगों को आकर्षित करने के लिए एआई के इस्तेमाल के बाद इस कुख्यात आतंकवादी समूह ने एमआई-5 और एमआई-6 का ध्यान आकर्षित किया है. 

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अफ्रीका में भी बढ़ रही आईएस और अल-कायदा की गतिविधियां
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इन आतंकी गतिविधियों की पुष्टि ऐसे समय में हुई है,  जब मध्य पूर्व और हॉर्न ऑफ अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा, दोनों के फिर से उभरने की आशंका बढ़ी है. पिछले महीने सर केन मैक्कलम के वार्षिक ख़तरा अपडेट में ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों की आशंकाएं उजागर हुईं. 

हमलावरों को उकसा रहे इस्लामिक स्टेट के आतंकी 
एमआई-5 के महानिदेशक ने कहा कि विदेशी समूह ब्रिटेन और यूरोप में आतंकवाद फैलाने की अपनी कोशिशें जारी रखे हुए हैं.अल-क़ायदा और इस्लामिक स्टेट एक बार फिर ज़्यादा महत्वाकांक्षी हो रहे हैं. विदेशों में अस्थिरता का फायदा उठाकर अपनी पकड़ मज़बूत कर रहे हैं. ये दोनों ही पश्चिम में संभावित हमलावरों को व्यक्तिगत रूप से प्रोत्साहित और अप्रत्यक्ष रूप से उकसा रहे हैं.

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अल-कायदा और आईएस चला रहे नए भर्ती अभियान
ऐसा माना जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती सक्रियता के बीच आईएस (इस्लामकि स्टेट ) ने सीरिया में अपने साथ विदेशी लड़ाकों को शामिल करने के लिए एक नया भर्ती अभियान भी शुरू किया है.एक दशक पहले जब यह संगठन अपने चरम पर था, तब कम से कम 30,000 विदेशी लड़ाके, जिनमें 900 ब्रिटिश भी शामिल थे, आतंकवादी नेटवर्क के लिए लड़ने के लिए मिडिल ईस्ट  गए थे.

नए सोशल मीडिया ट्रेंड और AI का कर रहे इस्तेमाल
नई भर्ती  का संदेश को फैलाने के लिए नवीनतम सोशल मीडिया ट्रेंड्स का इस्तेमाल करते हुए एक नया डिजिटल अभियान शुरू हुआ है. इसका पता तब चला जब पिछले हफ़्ते दक्षिण लंदन के एक किशोर को गैटविक हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार किया गया. जब वह तुर्की जाने वाली एक उड़ान में सवार होने की कोशिश कर रहा था. उसे आतंकवाद के आरोपों में अदालत में पेश किया गया.

तुर्की जाने की कोशिश कर रहे पकड़े गए लड़के से हुआ खुलासा 
18 वर्षीय यह किशोर कथित तौर पर आईएस लड़ाकों में शामिल होने से पहले सीरिया की सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था. उस पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का इरादा रखने का आरोप लगाया गया है और उसे इस साल ओल्ड बेली में पेश होना है.

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इस टूरिस्ट हॉटस्पॉट पर खुले में घूम रहे पूर्व आतंकी
दूसरी तरफ, ब्रिटेन के लोगों के एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर एक आतंकवादी संगठन के पूर्व सदस्यों के जमावड़ा लगने की बात कही जा रही है. यह हॉटस्टपॉट  तुर्की है. कहा जा रहा है कि यहां एक आतंकी संगठन के पूर्व सदस्य आजाद घूम रहे हैं.  

इससे गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा हो गई हैं. विशेषज्ञों ने हर साल तुर्की जाने वाले 40 लाख ब्रिटिश नागरिकों को आतंकवादी हमलों और यहां तक कि संभावित बंधक स्थितियों के बढ़ते खतरे के बारे में आगाह किया है.

तुर्की में खुलेआम घूम रहा इजरायल बम ब्लास्ट में आरोपी आतंकी
एक व्यक्ति, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह हमास से जुड़ा है - जो इज़राइल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले के लिए ज़िम्मेदार समूह है - और जिसे पहले 2011 में हुए एक बम विस्फोट के सिलसिले में दोषी ठहराया गया था. इस बम विस्फोट में  स्कॉटिश मूल की बाइबिल अनुवादक मैरी जेन गार्डनर की मौत हो गई थी.

उस शख्स का नाम इशाक ताहिर सलाह अराफाह है. यह अब तुर्की में रह रहा है. हाल ही में 39 वर्षीय इस शख्स की जेल से हुई रिहाई ने सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं. यह यरुशलम में हुए बम विस्फोट में शामिल था.

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