'2005 से जॉब कर रहा, अभी सैलरी 6 डिजिट में पहुंचना बाकी', IPS ने किया ये ट्वीट

आईपीएस सूरज सिंह परिहार अपने ट्वीट में लिखते हैं- '2005 से लगातार जॉब में हैं, अभी तनख्वाह की फिगर 6 डिजिट में पहुंचना बाकी है. पर आईपीएस दीपांशु काबरा सर की प्रेरणा से हाल में बनाए मेरे ट्विटर अकाउंट का कुनबा आज 6 डिजिट पहुंच गया है.' 

Advertisement
आईपीएस सूरज सिंह परिहार (फोटो- @SurajSinghIPS/ट्विटर) आईपीएस सूरज सिंह परिहार (फोटो- @SurajSinghIPS/ट्विटर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 24 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST
  • पुलिस अधिकारी का ट्वीट वायरल
  • मजाकिया अंदाज में किया सैलरी का जिक्र

'2005 से लगातार जॉब में हूं, अभी तनख्वाह की फिगर 6 डिजिट में पहुंचना बाकी है...' सोशल मीडिया पर एक आईपीएस अधिकारी का ये ट्वीट सुर्खियां बटोर रहा है. दरअसल, इस आईपीएस अधिकारी ने हाल ही में 'पुलिस की पाठशाला' नाम से एक नि:शुल्क लाइब्रेरी की शुरुआत की है. इसी के सिलसिले में जानकारी देते हुए आईपीएस ने मजाकिया अंदाज में अपनी सैलरी का जिक्र किया. तो आइए जानते हैं क्या है आईपीएस अधिकारी के ट्वीट में... 

Advertisement

सबसे पहले आपको बता दें कि इस आईपीएस अधिकारी का नाम सूरज सिंह परिहार हैं. छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही (GPM) जिले के SP सूरज सिंह अपने नेक कामों के लिए अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने शहीद के नाम पर 'पुलिस की पाठशाला' लाइब्रेरी की शुरुआत की, जो कि पूरी तरह से नि:शुल्क है. उन्होंने बताया कि इस लाइब्रेरी में सभी करियर कोर्सेज और एंट्रेंस एग्जाम की बुक्स उपलब्ध हैं. 

'तनख्वाह 6 डिजिट में पहुंचना बाकी..' 

आईपीएस सूरज सिंह परिहार अपने ट्वीट में लिखते हैं- '2005 से लगातार जॉब में हैं, अभी तनख्वाह की फिगर 6 डिजिट में पहुंचना बाकी है. पर आईपीएस दीपांशु काबरा सर की प्रेरणा से हाल में बनाए मेरे ट्विटर अकाउंट का कुनबा आज 6 डिजिट पहुंच गया है.' 

आईपीएस का ट्वीट

अपने एक और ट्वीट में आईपीएस सूरज सिंह लिखते हैं- 'मेरे साथ जुड़े लोग इतने शानदार हैं कि न केवल गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क 'पुलिस की पाठशाला' बनाने में मदद की बल्कि कोरोना काल में अगणित लोगों की मदद संभव हो पाई और मुझे पूरा विश्वास है कि आगे जब भी जरूरत होगी, मेरे आह्वान पर आप आगे आएंगे. साथ जुड़ने के लिए दिल से थैंक यू.' 

Advertisement

बकौल IPS सूरज प्रतियोगी परीक्षाओं की बुक्स काफी महंगी होती हैं, स्टूडेंट्स की पढ़ाई में वित्तीय बाधा ना आए इसलिए नि:शुल्क लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है. इसके लिए उन्होंने आदिवासी बाहुल्य जिले GPM को चुना है. लाइब्रेरी के लिए उन्होनें लोगों से अपनी पुरानी और नई किताबें दान करने की अपील की थी. उनकी इस मुहिम में लोगों ने उन्हें खूब सपोर्ट किया और किताबें दान भी कीं. उनकी इस मुहिम को सफल बनाने में सोशल मीडिया की ताकत भी काम आई. 

बता दें कि IPS सूरज सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. ट्विटर पर उनके एक लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं. फेसबुक पर भी उन्हें हजारों लोग फॉलो करते हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement