कई लॉक के बाद ऐसे बंद होता है प्लेन का गेट, एयरहोस्टेस का Video Viral

कई लोगों को लगता है कि एयरहोस्टेस का काम सिर्फ यात्रियों को सर्विस देना है, लेकिन ऐसा नहीं है. फ्लाइट में सिक्योरिटी से जुड़ा काम करने का जिम्मा भी एयर होस्टेस के पास ही होता है.

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एयर होस्टेस का अहम काम इमरजेंसी में पैसेंजर की सुरक्षा करना होता है. (Photo- Facebook) एयर होस्टेस का अहम काम इमरजेंसी में पैसेंजर की सुरक्षा करना होता है. (Photo- Facebook)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST

अक्सर लोगों का मानना होता है कि एयर होस्टेस का काम सिर्फ पैसेंजर सर्विस का ही होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. एयर होस्टेस के पास सिक्योरिटी से जुड़े भी कई काम होते हैं और उन्हें इसे लेकर खास तौर पर ट्रेनिंग भी दी जाती है. जब प्लेन शुरू होता है तो उसके उड़ने की ग्रीन फ्लैग भी एयर होस्टेस की ओर से ही दिया जाता है, जिसमे फ्लाइट का गेट बंद करना भी शामिल है.

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सभी यात्रियों के प्लेन में आने के बाद एयर होस्टेस ही प्लेन का गेट बंद करती है, जो काफी टेक्निकल और मुश्किल काम है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि एक एयर होस्टेस प्लेन का गेट बंद कर रही हैं.

वायरल हो रहे इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे एक फ्लाइट अटेंडेट की ओर से गेट बंद किया जाता है और कितने लॉक लगाने के बाद प्लेन का एक गेट बंद होता है. वीडियो में दिख रहा है कि एयरहोस्टेस पहले गेट को खींचकर बंद करती हैं और फिर तीन-चार लॉक लगाती हैं.

इसके साथ ही वो गेट को अच्छे चेक करती हैं कि कुछ दिक्कत तो नहीं है और क्या गेट पूरी तरह से बंद हो चुका है. आप भी इस वीडियो में देख सकते हैं कि आखिर किस तरह से प्लेन का गेट बंद किया जाता है. 

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क्या-क्या काम करती हैं एयर होस्टेस?

आपको बता दें कि एयर होस्टेस का अहम काम इमरजेंसी में पैसेंजर की सुरक्षा करना होता है. इसी को ध्यान में रखते हुए एयर होस्टेस को ट्रेनिंग भी लाइफ सेवर के रुप में दी जाती है. जब एयर होस्टेस की ट्रेनिंग होती है तो उन्हें स्विमिंग भी सिखाई जाती है. इस दौरान सिखाया जाता है कि अगर फ्लाइट पानी में लैंड हो जाए तो पैसेंजर को कैसे बचाना है, उसकी ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें सिखाया जाता है कि पानी में लैंडिंग होने पर भी पैसेंजर को 90 सेकेंड में कैसे बाहर निकालना होता है. 

इतना ही एयर होस्टेस को फायर फाइटिंग, बम पकड़ने, बम को डिफ्यूज करने की ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही मेडिकल ट्रेनिंग दी जाती है कि हार्ट अटैक, अस्थमा अटैक आदि सिचुएशन में क्या करना है. इसके अलावा उन्हें ये भी सिखाया जाता है कि अगर किसी को कोई मेडिकल इश्यू हो तो इमरजेंसी में क्या ट्रीटमेंट दिया जाना है. साथ ही उन्हें दवाइयों के बारे में जनरल नॉलेज होती है. यहां तक एयर होस्टेस को बम और उसे डिफ्यूज करने जैसी जानकारी भी दी जाती है. ऐसे में एयर होस्टेस हर इमरजेंसी के लिए तैयार रहती हैं. 
 

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